अफ़ग़ानिस्तान में चला आ रहा 18 साल का युद्ध ख़त्म होते हुए नजर आ रहा है। शनिवार को क़तर देश की राजधानी ‘दोहा’ में तालिबान और अमेरिका के बीच एक शान्ति समझौते पर हस्ताक्षर होंगे। इस से माना जा रहा है की करीब दो दशक पुरानी ये युद्ध खत्म हो जायेगा America Taliban settlement।
Latest news update दोहा में होने वाली इस वार्ता में तालिबान और अमेरिका के प्रतिनिधियों के अलावा भारत के भी प्रतिनिधि शामिल होंगे, भारत की तरफ से ‘पी कुमारन’ इस वार्ता सम्मलेन में शामिल होंगे। भारत भी अफ़ग़निस्तान में शान्ति का अहम् पक्षकार है।ये पहली बार है जब भारत आधिकारिक तौर पे ऐसे किसी सम्मलेन में शामिल होगा।
क्या है ये युद्ध?
दरअसल, तालिबान के आतंकियों ने 9 सितम्बर 2001 में अमेरिका के चार हवाई जहाज़ों को हाईजैक करके अमेरिका पर हमला कर दिया था, इसमें वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुआ हमला सबसे बड़ा था।world news इस हादसे में कुल 2977 व्यक्ति मारे गए थे और करीब 6 हज़ार से ज्यादा लोग जख्मी हो गए थे। अमेरिका के तब के राष्ट्रपति ‘जॉर्ज डब्लू बुश’ ने इस हमले के जवाब में अफ़ग़निस्तान में छुपे तालिबान आतंकियों पर हमला कर दिया था, तब से युद्द चला आ रहा है।
ये युद्ध इतना बड़ा है की, इसमें अभी तक अमेरिका 750 अरब डॉलर खर्च कर चूका है । इसमें करीब 10 हज़ार लोग मारें जा चुकें हैं अकेले अमेरिका के ही इसमें 2500 से ज्यादा सैनिक मारे जा चुकें हैं।
आपकी जानकारी के लिए बता दें अमेरिका में हुए 9/11 हमले के मास्टरमाइंड ओसामा बिन लादेन को अमेरिका ने 2011 में पाकिस्तान में उसके घर में घुस के मारा था।
विदेश सचिव का अफ़ग़ानिस्तान दौरा।
इस ऐतिहासिक समझौते से पहले भारत के विदेश सचिव ‘हर्षवर्धन श्रृंगला’ शुक्रवार को
अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल पहुंचे वहां उन्होंने राष्ट्रपति अशरफ गनी से भेंट की और उन्हें प्रधानमंत्री का पत्र सौंपा। श्रृंगला ने अफ़ग़ानिस्तान को भारत का खुला समर्थन व्यक्त किया। इसके साथ ही श्रृंगला ने अफगानिस्तान के अन्य बड़े नेताओं से भी भेंट की और उन्हें अफ़ग़ानिस्तान के विकास और शान्ति बहाली के लिए भी भारत का समर्थन व्यक्त किया।
आपको बता दें अमेरिका में नवंबर में राष्ट्रपति चुनाव होने वाले है और राष्ट्रपति ट्रम्प इस बार दोबारा से चुनाव लड़ेंगे इसलिए अब वो जनता के बीच अपनी अच्छी छवि बनाना चाहते हैं। ट्रम्प ने अफ़ग़ानिस्तान की लड़ाई में नरम रुख अपनाया है और ये भी भरोसा दिलवाया है की वो जल्द ही सभी अमेरिकी सैनिकों को अफ़ग़ानिस्तान से वापस लाने की कोशिश करेंगे।
शुक्रवार को राष्ट्रपति ट्रम्प ने वाइट हाउस से बयान दिया, ट्रम्प ने कहा; अगर अफ़ग़ानिस्तान सरकार और तालिबान वादे के मुताबिक़ चलते हैं तो हम जल्द ही अपने सैनिक वापस बुला लेंगे साथ ही एक शांत और प्रगतिशील अफ़ग़ानिस्तान की नींव रखने में मदद करेंगे America Taliban settlement।
आपको बता दें की इस शान्ति समझौते में तालिबान ने कहा है की, वो कट्टरपंथियों को अपनी जमीन का इस्तेमाल अमेरिका या उसके सहयोगी दलों के ऊपर हमले या हमले की साज़िश के लिए नहीं करने देगा।
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