चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग डेट हुई फाइनल ISRO ने दी इस बात की जानकारी

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Chandrayaan 2

Chandrayaan 2 (चंद्रयान-2) – आखिरकार भारत द्वारा लॉन्च किया जाने वाले चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग डेट को आधिकारिक तौर पर घोषित कर दिया है। ISRO ने पहले चंद्रयान-2 को 15 जुलाई 2019 लॉन्च किया जाना था। परन्तु कुछ टेक्निकल प्रॉब्लम के चलते चंद्रयान-2 को उस समय लॉन्च नहीं गया था। लेकिन इस बार इंडियन स्पेस रीसर्च ऑर्गनाइजेशन यानी की ISRO ने अपने ट्वीटर अकाउंट के जरिए इस बात की जानकारी दे दी है की इस चंद्रयान-2 को आधिकारिक रूप से आने वाली 22 जुलाई को लॉन्च कर दिया जाएगा।

22 जुलाई को लॉन्च कर दिया जाएगा चंद्रयान-2 (Chandrayaan 2)

ISRO द्वारा इस बात की आधिकारिक पुष्टि कर दी गई है की 22 जुलाई को चंद्रयान-2 को लॉन्च कर दिया जाएगा। इस बात की जानकारी ISRO ने अपने ऑफिसियल ट्वीटर अकाउंट पर ट्विट करके दी है। उन्होंने यह भी बताया है की इस चंद्रयान-2 (Chandrayaan 2) को 15 जुलाई को लॉन्च किया जाना था। परन्तु कुछ तकनीकी खराबी के चलते उसे रोकना पड़ा। अधिकतर लोग इस बारें में जानना चाहते है की आखिरकार चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग डेट को क्यों बदला गया है। चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग डेट को इसलिए बदलना पड़ गया था क्योंकि जीएसएलवी एमकेlll में क्रायॉजनिक स्टेज पर लीकिज की समस्या को देखा गया था। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ISRO द्वारा चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग डेट को थोड़ा आगे बढ़ा दिया गया था।

विशेष समय को ध्यान में रखते हुए लॉन्च किया जाना है जरुरी

ISRO के वैज्ञानिकों कहना है की इस चंद्रयान-2 को इस महीने की 31 जुलाई तक लॉन्च किये जाने के लिए अधिक से अधिक ईंधन की जरूरत पड़ेगी। इतना ही नहीं चंद्रयान (Chandrayaan 2) का लक्ष्य होगा की एक वर्ष के अंतर्गत. चाँद के चक्कर लगाने होंगे। यदि इस चंद्रयान-2 को उचित समय पर लॉन्च कर दिया जाता है तो इसमें 6 महीने के समय घट सकता है। यदि आप चंद्रयान-2 के संभावित लॉन्च का समय देखें तो इसको 18 जुलाई से लेकर 31 जुलाई तक दोपहर के 2 बजे से लेकर 3:30 बजे तक के समय में लॉन्च किया जा सकता है इसकेलिए ISRO द्वारा एक अलर्ट भी जारी कर दिया गया है।

जाने क्या करेंगे अगले कुछ दिन तक ISRO वैज्ञानिक

ISRO द्वारा 18 जुलाई 2019 को पुरे दिन चंद्रयान-2 का परीक्षण किया जाएगा। जिसके बाद ही शाम तक एनालिसिस कमेटी द्वारा किसी फैसला पर पहुँच पाना संभव होगा। इसके साथ ही ISRO द्वारा GSLV-MK 3 रॉकेट के उन सभी पार्ट्स को अच्छे से क्लीन किया जाएगा। जिससे वैज्ञानिकों द्वारा ईंधन निकाला गया था। इस जाँच के बाद रॉकेट के सभी पार्ट्स को एसेंबलिंग यूनिट में ले जाया जाएगा। फिर रॉकेट के सभी पार्ट्स को अच्छे से जोड़ दिया जाएगा। इतना ही नहीं इसके बाद इस रॉकेट को लॉन्चपैड 2 पर भी ले जाया जाएगा। सम्पूर्ण जाँच के बाद ही रॉकेट को लॉन्च करने से कुछ समय पहले रॉकेट के सभी पार्ट्स में ईंधन भरा जाएगा।

आखिर क्यों सितम्बर – अक्टूबर के महीने में लॉन्च किया जाएगा मून मिशन लॉन्च

मून मिशन की लॉन्चिंग का आधिकारिक फैसला ISRO के त्रिवेंद्रम स्थित स्पेस फिजिक्स लैब द्वारा लिया जाएगा। इसके अलावा, अलगे विंडो को सितम्बर या फिर अक्टूबर के लॉन्च होगा। सितम्बर या अक्टूबर इसको इसलिए लॉन्च किया जाएगा। क्योंकि इस समय पृथ्वी से चाँद की औसत दूरी 3.61 लाख किलोमीटर होती है। इसकी लॉन्चिंग 15 जुलाई को कर दी जाती तो उस समय इसकी दूरी बढ़कर 3.84 हो जाती है।

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