क्यों हम सपने में अपने हाथ पैर को हिला डुला नहीं पाते हैं, जाने ऐसा क्यों होता है

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Why do not we get my hand to Dula in the dream, why is it so

अपने कई बार ऐसे अहसास किया होगा की जब आप नींद में होते है तो आप अपने शरीर को हिला पाने में कामियाब नहीं रहते है। आप कोशिश तो भरपूर करते है परन्तु आप अपने शरीर के किसी भी अंग को हिला पाने में सफल नहीं रहते है। ऐसा अक्सर उस समय होता है जब आप कोई भयानक सा सपना देखते है। उस दौरान आपके साथ ऐसा होता है की आप बोलना तो बहुत कुछ चाहते है पर आप नहीं बोल पाते है। कई बार तो आप अपने बिस्तर से उठने के कोशिश भी करते है। परन्तु आप उसमे भी कामियाब नहीं रहते है। आज हम आपको इस स्थिति के बारे में विस्तार से बताएँगे की आखिर ऐसा होता क्यों है? जब हम ऐसा कुछ सपना  देखते हुए तो हम अपने आपको सही से संभाल भी नहीं पाते है। तथा अधिक समय तक झटपटाते रहते है। इतना ही इस स्थिति को देखते हुए कई बार हमें ऐसा भी लगता है। की हम कभी खड़े हो पाएंगे भी या नहीं।

ऐसा क्यों होता है?

हमारे साथ ऐसी घटना तब घटती है जब हम गहरी नींद में होते है तथा हमारा दिमाग काम नहीं कर पाता है। इस दौरान हमारा दिमाग किसी भी प्रकार का संकेत नहीं समझ पाता है। वैसे इस तरह की स्थिति को स्लीप पैरालिसिस भी कहते है। क्योंकि जब आप नींद  होते है तो कुछ समय तक ऐसा होता है की आप अपने शरीर पर सम्पूर्ण रूप से नियंत्रण खो देते है। जिसके कारण आपको जो नींद में भयानक सपना दिखता है आप उसे हकीकत मानने लग जाते है।

क्यों प्रेत जैसी अवधारणाओं का अहसास होता है?

कई बार स्लीप पैरालिसिस के चलते ऐसा होता है की हमें लगता है की कई अनजान व्यक्ति हमारे कमरें में घूस रहा है। तथा यह व्यक्ति हमें नुक्सान पहुँचाने आया है। इस स्थिति को अधिकतर लोग प्रेत आत्मा का वास कहते है। क्योंकि ऐसा अधिकतर लोग मानते है की हमारी छाती पर प्रेत बैठा हुआ है जो लक्वा ग्रस्त कर  सकता है तथा हमें अधिक से अधिक हानि पहुँचा सकता है।

इस स्लीप पैरालिसिस का शिकार हम उस दौरान अधिकतर होते है जब हम किसी सपने में सम्पूर्ण रूप से खोए हुए होते है। क्योंकि उस समय हमारा दिमाग पूरी तरह से काम करना बंद कर देता है। परन्तु कुछ समय बाद हमारी आँखें खुल जाती है।

यह स्थिति कितनी हानिकारक है?

वैज्ञानिक सर्वेक्षणों के अनुसार, आजतक किसी भी नागरिक स्लीप पैरालिसिस की वजह से किसी भी प्रकार की कोई हानि  नहीं हुई है। क्योंकि स्लीप पैरालिसिस किसी भी प्रकार की बीमारी नहीं है। बल्कि यह एक प्रकार की अवस्था है। यह स्लीप पैटर्न में संतुलन के न होने से होती है। क्योंकि किसी भी व्यक्ति की सोने की अवस्था इसपर पूरी तरह से निर्भर करती है। क्योंकि कई बार होता है की हम गलत अवस्था में सो जाते है। जिसके कारण हम  स्लीप पैरालिसिस जैसी समस्या का शिकार होते है। यदि आप इस समस्या से निजात पाना चाहते है तो आपको अपने पीठ के बल सोना चाहिए। क्योंकि इस सोने की अवस्था को बेहतर माना जाता है।

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