जाने क्यों नहीं मिला पाकिस्तान को मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में आने के न्योता

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Narendra Modi

2019 के लोकसभा चुनाव में मिली ऐतिहासिक जीत के बाद एक फिर से नरेंद्र मोदी द्वारा प्रधानमंत्री पद की शपथ ली जाएगी। हम आपको बता दें की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शपथ ग्रहण समारोह 30 मई 2019 को आयोजित किया जा रहा है। इस शपथ ग्रहण समारोह में आपको दुनियाभर के नेता देखने को मिलेंगे। परन्तु इस बार शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तान को न्यौता नहीं दिया गया है। वैसे पाकिस्तान को छोड़कर बाकी पड़ोसी देशो के सभी राष्ट्राध्यक्ष इस शपथ ग्रहण समारोह में बुलाया गया है।  इस बार भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा न्यौता भेजा गया है।

पाकिस्तान को एक संदेश भेजना था इसका मकसद

यदि आपको पता नहीं है तो हम आपको बताना चाहते है की BIMSTEC (बे ऑफ बंगाल इनिशटिव फॉर मल्टी-सेक्टोरल, टेक्निकल ऐंड इकनॉमिक को-ऑपरेशन) में भारत के अलावा म्यांमार, बांग्लादेश, श्री लंका, थाइलैंड, नेपाल और भूटान भी शामिल है। इस बार पीएम मोदी द्वारा इस शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तान को न बुलाकर भारत द्वारा एक सख्त कूटनीतिक संदेश दे दिया गया है। सभी लोगो का मानना है की पाकिस्तान को शपथ ग्रहण समारोह में न बुलाकर भारत ने एक नए युग की शुरुआत की है।

मोदी सरकार की जीत के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा प्रधानमंत्री के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को फ़ोन करकर शुभकामनाएं दी थी। जिसपर नरेंद्र मोदी द्वारा साफ़ और सीधे शब्दों में कहा  गया की क्षेत्र के विकास और तरक्की के लिए आतंक और हिंसा से मुक्त माहौल बनाना अनिवार्य है।

14 फरवरी 2019 को पुलवामा पर हर आत्मघाती हमले के बाद भारत और पकिस्तान के बीच रिश्ते काफी ख़राब हो गए है। जिसके बाद पाकिस्तान द्वारा काफी बार भारत से बात की गई इस रिश्ते को बेहतर किया जा सके। परन्तु भारत का इस मुद्दे पर बात करने के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं था। भारत कई समय से कहता आ रहा है की बातचीत और आतंकवाद एक साथ ही चल सकती है।

कूटनीतिक रूप से सही निर्णय

भारत द्वारा पाकिस्तान को शपथ ग्रहण समारोह न बोलकर एक सख्त कूटनीतिक संदेश दिया गया है। भारत द्वारा ऐसा करने का मुख्य लक्ष्य था की हमारे पड़ोसी देश को एक संदेश भी मिल जाए। तथा विश्व स्तर पर ऐसा भी न लगे के भारत द्वारा अपने पड़ोसी देश को अलग – थलग किया जा रहा है। इसलिए मोदी सरकार ने BIMSTEC देशों को इस शपथ ग्रहण समारोह के लिए न्योता भेजकर कूटनीतिक रूप से सही निर्णय लिया है।

इस शपथ ग्रहण समारोह में किर्गिस्तान और मॉरिशस के प्रमुख भी होंगे शालिम

किर्गिस्तान के राष्ट्रपति और मॉरिशस के प्रधानमंत्री को भी प्रधानमंत्री के इस शपथ ग्रहण समारोह में बुलाया गया है। वैसे हम आपको बता दें  की जून में होने वाले SCO (शंघाई सहयोग संगठन) समिट की मेजबानी किर्गिस्तान द्वारा की जाएगी। जिसमे भारत के माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल रहेंगे। इतना ही नहीं इस वर्ष मॉरिशस के प्रधानमंत्री भी वासी भारतीय दिवस कार्यक्रम मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए थे।

भारत के लिए क्यों अहम है BIMSTEC?

जैसाकि आपको पता ही होगा की BIMSTEC बंगाल की खाड़ी से जुड़े हुए देशों के एक संगठन है। इस संगठन में भारत के अलावा भी अन्य कई देश शामिल है जैसे की बांग्लादेश, म्यांमार, भूटान, नेपाल, श्रीलंका और थाइलैंड इत्यादि। वैसे इस संगठन का मुख्यालय बंगलादेश के ढाका में स्थित है। भारत BIMSTEC संगठन को SAARC सम्मलेन से अधिक बढ़ावा देना चाहता है। इतना ही  नहीं भारत द्वारा पाकिस्तान में होने इस SAARC सम्मलेन का आधिकारिक रूप से बहिष्कार करने की पेशकश की गई थी। जिसके बाद इस सम्मलेन को रद्द कर दिया गया था।

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