इन क्रिकेटरों की सफलता की कहानी आपको करेगी भविष्य मे कुछ करने के लिए प्रेरित

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Motivational Cricketer

आज हम आपको कुछ ऐसे Motivational Cricketer के बारें में विस्तार से बताएंगे। जिसके बारें में जानकर आप भी कुछ करने के लिए अधिक मोटीवेट हो जाएंगे। कई बार हम यह सोच लेते है की सभी खिलाडियों की लाइफ इतनी अच्छी है। उन्हें कितना पैसा और सम्मान मिलता है। परन्तु आपने कभी यह बात जानने की कोशिश करी है की वह खिलाड़ी आज जिस मुकाम पर है उस मुकाम तक पहुँचने के लिए उसे कितना परिश्रम करना पड़ा है। तथा कितनी परेशानियों का सामना करना पड़ा है।  जिन Motivational Cricketer की बात हम करने वाले है वह क्रिकटर्स कई युवाओं के आदर्श है। तथा युवा पीढ़ी इन्हीं क्रिकेटर्स को देखकर स्पोर्ट्स के क्षेत्र  ओर बढ़ रही है।

  1. जोंटी रोड्स – साउथ अफ्रीका

Motivational Cricketer की सूची में नंबर – 10 पर साउथ अफ्रीका के शानदार खिलाड़ी जोंटी रोड्स का नाम आता है। जोंटी रोड्स को उनकी कमाल की फील्डिंग के लिए अधिक जाना जाता है। पुरे क्रिकेट इतिहास में जोंटी रोड्स जैसा फील्डर शायद ही कोई आया होगा। बहुत कम लोगों को इस बारें में जानकारी होगी की जोंटी रोड्स मिर्गी की बीमारी से जूझ रहे थे। लेकिन इसके बावजूद भी जोंटी रोड्स ने कभी हार नहीं मानी। तथा अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ते गए। आज जोंटी रोड्स एक बेहतरीन फील्डिंग कोच है। आपको Motivational Cricketer की सूची मे साउथ अफ्रीका के इस खिलाड़ी का नाम भी दिखाई देगा।

  1. माइकल आर्थटन – इंग्लैंड

अब हम आपको ऐसे Motivational Cricketer के बारें में बताने वाले है। जिन्होंने अपनी विपक्षी के खिलाफ तो शानदार खेल खेला ही। बल्कि उन्होंने अपनी बिमारी के खिलाफ भी जीत हासिल की। जिस खिलाड़ी के हम बात कर रहें है वह और कोई नहीं बल्कि इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल आर्थटन है। इन्हे एक ऐसी बीमारी थी जिससे उनके शरीर का इम्यून सिस्टम उन्हें बहुत अधिक परेशान करते थे। इस परेशानी के चलते उन्हें रीढ़ और मांसपेशियों में बहुत अधिक दर्द होता था। जिसके चलते उनका खड़ा हो पाना भी मुश्किल हो रहा था। परन्तु उन्होंने इस बीमारी से कभी हार नहीं मानी। इस बीमारी को हराने के बाद उन्हें टीम इंग्लैंड के लिए कई मैच खेले। तथा टीम को कई महत्वपूर्ण मैच जिताए।

  1. मंसूर अली खान पटौदी – भारत

Motivational Cricketer की बात करें और उसमें भारत खिलाड़ी मंसूर अली खान पटौदी का नाम न आए ऐसा हो नही सकता है। आप सोचिए की जब कोई खिलाड़ी अपनी दो आँखों के होने के बावजूद अच्छे से नहीं खेल पाते है। तो आप सोचिए की कैसे कोई खिलाड़ी अपनी आँख से ही इतने वर्ष तक इंटरनेशनल क्रिकेट खेल सकता है। इंडियन क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी मंसूरी खान अली पटौदी की एक कार एक्सीडेंट के चलते उनकी एक आँख की पूरी तरह से रोशनी चली गई थी। टाइगर पटौदी ने अपने पुरे क्रिकेट करियर में 46 टेस्ट मैचों में टीम इंडिया की  कप्तानी की है। जिसमें उन्होंने 9 मैचों में टीम इंडिया को जीत दिलाई है। इस दौरान टाइगर पटौदी ने 6 शतक और 1 दोहरा शतक तथा 16 अर्द्धशतक लगाए है।

  1. ब्रायन लारा – वेस्ट इंडीज

ब्रायन लारा को  कौन नहीं जनता है यह एक मात्र ऐसे खिलाड़ी है जिन्होंने टेस्ट मैच की एक ही पारी में 400 रन जड़ दिए थे। परन्तु क्या आपको पता है की लारा ब्रायन लारा अपने क्रिकेट करियर के दौरान हेपेटाइटिस बी जैसी खतरनाक बीमारी से जूझ चुके है। लारा की इस बीमारी का पता वर्ष 2002 में श्रीलंका के खिलाफ खेले गए एक मैच के दौरान पता चला था। जिसके बाद उनपर कई तरह के प्रश्न चिन्ह खड़े हो गए। वह इस बीमारी से ठीक तो हो जाएंगे। पर क्या वह अपनी फॉर्म को बरक़रार रख पाते है या नहीं। लेकिन लारा ने इस परिस्थिति से कभी हार नहीं मानी। उन्हें अपनी बीमारी पर भी जीत हासिल की। तथा बाद में उन्हें अपने बल्ले के दम पर उनपर प्रश्न चिन्ह लगाने वाले सभी व्यक्तियों का मुँह बंद कर दिया। लारा एक ऐसे प्रसिद्ध खिलाड़ी है जिसका नाम Motivational Cricketer की लिस्ट में हमेशा आएगा।

  1. माइकल क्लार्क – ऑस्ट्रेलिया

अब हम आपको ऑस्ट्रेलिया के ऐसे Motivational Cricketer की सफलता के बारें मे बताएँगे। जिसको जानते है आप भी अपने लक्ष्य को हासिल करने हेतु और भी अधिक प्रेरित हो जाएंगे। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान माइकल क्लार्क ने भी अपने पुरे क्रिकेट करियर में कई समस्याओं का सामना किया है। माइकल क्लार्क को डेसिमेटेड इंटरवर्टेब्राल डिस्क की समस्या थी। यह समस्या उनके साथ काफी समय तक रही। इतना ही  समस्या के चलते उन्हें कई दिनों तक क्रिकेट ग्राउंड से दूर रहना पड़ता था। आप हैरान हो जाएंगे यह जानकर की उन्हें कई बार तो क्रिकेट ग्राउंड पर इंजेक्शन लेकर उतरना पड़ता था। डेसिमेटेड इंटरवर्टेब्राल डिस्क के बाद उन्हें वर्ष 2005 में स्किन कैंसर हो गया। लेकिन उन्हें इस बीमारी से भी हार नहीं मानी। तथा वह अपना इलाज कराने के साथ ही अपनी टीम के लिए भी खलते रहे। क्लार्क की कप्तानी में ही टीम ऑस्ट्रलिया ने वर्ष 2015 के आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप के ख़िताब को अपने नाम किया था।

  1. वसीम अकरम – पाकिस्तान

क्रिकेट की दुनिया में वसीम अकरम (Motivational Cricketer) को स्विंग के सुल्तान के नाम से जाना जाता है। परन्तु क्या आपको पता है की इस स्विंग के सुल्तान को भी अपने क्रिकेट करियर के दौरान टाईप 1 मधुमेह जैसी खतरनाक बीमारी से लड़ना पड़ा था। इस बीमारी के चलते उनके शरीर में इन्सुलिन बनाना बंद हो गया था। लेकिन अगर किसी व्यक्ति का हौसला बुलंद हो तो उसे बड़ी से बड़ी बीमारी नहीं हारा सकती है। वसीम अकरम ने इस बीमारी को हरा एक बार फिर क्रिकेट ग्राउंड पर वापिस की।

  1. शोएब अख्तर – पाकिस्तान

रफ्तार बादशाह शोएब अख्तर (Motivational Cricketer) ने भी आने पुरे जीवन में कई परेशानियों का सामना किया है। आज शोएब अख्तर जिस मुकाम पर है। उन्हें उस मुकाम तक पहुँचने के लिए बीमारी के साथ ही आलोचकों का भी सामना करना पड़ा। शोएब अख्तर जब गेंदबाजी करते है तो उनकी कोहनी 40 डिग्री तक मुड जाती है। जबकि आमतौर पर कोहनी केवल 20 डिग्री ही तक ही मुड़ पाती है। बहुत कम लोग जानते है की शोएब अख्तर अख्तर 5 वर्ष की आयु तक सीधे चल भी नहीं पाते थे। लेकिन उन्हें कभी हार नहीं मानी और आगे चलते रहे।

  1. मार्टिन गुप्टिल – न्यूजीलैंड

न्यूजीलैंड के खतरनाक बल्लेबाज यानी की मार्टिन गुप्टिल (Motivational Cricketer) का बचपन बेहद ही बुरा रहा था। इतना ही नहीं मार्टिन गुप्टिल के साथ बचपन में एक ऐसा हादसा हुआ था जिसमें उन्हें की जान भी जा सकती थी। इस हादसे में मार्टिन गुप्टिल की जान तो बच गई परन्तु उन्हें बायें पैर का अंगूठा और दो उंगलियां को गवाना पड़ा। इसके बाद उन्हें काफी समय तक चलने व दौड़ने में बहुत परेशानी हुई थी। परन्तु इस बात को पीछे छोड़ आज के समय में गुप्टिल से शानदार फील्डर कोई नहीं होगा। तथा वह बहुत ही आक्रामक खिलाड़ी है। इतना ही इनके नाम वनडे में एक दोहरा शतक भी है। यह दोहरा शतक आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप 2015 में टीम वेस्टइंडीज के खिलाफ आया था।

  1. युवराज सिंह – भारत

कौन भूल सकता है युवराज सिंह (Motivational Cricketer) द्वारा आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप 2011 में टीम वेस्टइंडीज के खिलाफ खेली गई शतकीय पारी को। युवराज सिंह का यह शतक इसलिए बहुत ज्यादा खास हो जाता है। क्योंकि उस दौरान युवराज सिंह कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से जूझ रहे थे। इस बीमारी के बारें में उनके अलावा, अन्य किसी भी खिलाड़ी को नहीं पता था। मैच शुरू  होने से पहले उन्होंने खून की उल्टियाँ की थी। इतनी परेशानी के बाद भी युवराज सिंह ने हार नहीं मानी। तथा वह अपने देश के लिए मैदान पर उतरे और एक शानदार शतक लगाया। युवराज सिंह की इस पारी ने लाखों लोगों का दिल जीत लिया।

  1. भगवत चंद्रशेखर – भारत

टीम इंडिया के शानदार फिरकी गेंदबाज बी एस चंद्रशेखर (Motivational Cricketer) की कहानी भी आपको कुछ अलग करने के लिए प्रेरित करेगी। बी एस चंद्रशेखर की अद्भुत फिरकी गेंदबाजी के चलते ही वर्ष 1971 में इंग्लैंड के ही घर में हराया था। बहुत लोग लोगों को पता है की उनकी एक हाथ की कलाई बहुत पतली थी। जिसके चलते उन्हें अपनी गेंदबाजी में गति बढ़ाने में मदद मिलती थी।

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