CAA के खिलाफ अब चेन्नई में उठ रही है बुलंद आवाज़ , एक और शाहीन बाग़ बनने की कगार पर

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नागरिकता कानून के विरोध में हो रहे प्रदर्शन रुकने का नाम नहीं ले रहें हैं । विरोध प्रदर्शन कि ये आग अब तामिलनाडु भी पहुँच गयी है । चेन्नई समेत कई जगहों पर सरकार के  खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए , इस से कानून व्यवस्था पर काफी असर पड़ा । सरकार को प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए लाठी चार्ज भी करना पड़ा । भीड़ की वजह से ट्रैफिक भी बेहाल हो रहा और सरकार को लंबे रूटों की  बसों को स्थगित करना पड़ा ।

 

क्या है पूरा मामला

दरअसल चेन्नई के वाशरमैनपेट इलाके में कुछ लोग नागरिकता कानून को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे । इस प्रदर्शन में हालात  देखते ही देखते बेकाबू हो गए , और पुलिस ने प्रर्दशनकारियों पर लाठी चार्ज कर दिया । इस प्रदर्शन में महिलाएं भी शामिल थी ।

पुलिस के साथ हुई झड़प के बाद महिलाएं तो यहां से हट गईं लेकिन थोड़ी देर बाद हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर उमड़ पड़े। शुक्रवार शाम महिलाओं ने सरकार के खिलाफ नारे लगाए। नागिरकता कानून के खिलाफ महिलाएं लगातार आवाज बुलंद करती रहीं। कुछ महिलाओं ने लाठीचार्ज के बाद बताया कि किस तरह से पुलिस ने कार्रवाई की थी।

डीएमके के राष्ट्रीय अध्यक्ष ‘स्टालिन’ ने भी पुलिस के इस कदम कि निंदा की है । इस घटना में पुलिस के दो अधिकारी भी घायल हुए हैं । पुलिस  जॉइंट कमिश्नर विजय कुमारी और इंस्पेक्टर राजमंगलम इस प्रक्रिया में घायल हो गए हैं । प्रर्दशनकारियों  में से भी कुछ लोग घायल हो गए हैं । हालात काबू में करने के लिए पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में लिया बाद में इन लोगों को रिहा कर दिया गया ।

 

शाहीन बाग़ बन रहा प्रतीक

देश कि राजधानी दिल्ली में शाहीन बाग़ में हो रहा  महिलाओं का विरोध प्रदर्शन देश भर के विरोध प्रदर्शनों के लिए एक प्रतीक बन रहा है , करीब दो महीने से महिलाएं नागरिकता बिल के खिलाफ शाहीन बाग़ में बैठी हुई हैं । यही विरोध की आग  अब लखनऊ , असम और चेन्नई तक पहुँच गई है । देश भर से  जगह जगह पर महिलाएं सड़कों पर उतर रही हैं , और अपना विरोध दर्ज करवा रहीं हैं ।

 

क्या है सरकार का कहना

सरकार का रवैय्या नागरिकता कानून  को ले के बिल्कुल साफ़ है , सरकार इस कानून को किसी भी हालत में वापस लेने के लिए तैयार नहीं दिख रही है । कई सारे मंत्री और नेता भी इस बिल पर सरकार का मूड बता चूकें हैं । गृह मंत्री ने भी लोगों से कहा है कि इस बिल से किसी को डरने कि जरुरत नहीं हैं ।  हाल ही में  गृह  मंत्री अमित शाह ने कहा जिसे भी इस कानून को लेकर कुछ समझना है वो तय समय में उनके दफ्तर आ सकतें हैं ।

पर कई मुस्लिम और अल्पसंख्यंक संगठनो के मन में  इस कानून से डर बना हुआ है और विरोध प्रदर्शन करके वो इस बिल को वापस लेने कि मांग कर रहें हैं  जबकि सरकार ने अपना मत साफ़ कर दिया है कि,  ये नागरिकता लेने का नहीं बल्कि नागरिकता देने का क़ानून है । 

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