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शिवरात्रि के पावन अवसर पर जानिए भगवान भोलेनाथ के 7 सबसे प्राचीन मंदिरों के बारे में

By Nidhi | February 20, 2020
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महादेव,  महायोगी,  पशुपति,  भैरव, भोले और नटराज जैसे नामों से जाने जानें वाले भगवान् शिव अपने आप में पूर्ण हैं। हिन्दू धर्म के लोगों कि इनमें बड़ी आस्था है।

शिव संहार के देवता है, अपने रौद्र रूप लम्बी जटाओं से शिव जाने जाते हैं। अन्य देव शिव से अलग हैं, सृष्टि की उत्पत्ति, स्थिति एवं संहार के अधिपति शिव हैं। त्रिदेवों में भगवान शिव संहार के देवता माने गए हैं।

तो  कल है  शिव रात्रि का पावन त्यौहार, आइये  इस  मौके पर दर्शन करते हैं शिव जी के  7  सबसे प्राचीन मंदिरों के, जहाँ है करोड़ों हिन्दुओं की आस्था और जहाँ से बाबा भोलेनाथ करते हैं अपने भक्तों का बेडा पार।

केदारनाथ मंदिर

Kedarnath Temple

केदारनाथ नाथ मंदिर उत्तराखंड राज्य में ऊँचे हिमालय पर्वतों पर बसा हुआ है, शिव जी यहाँ मंदाकनी नदी के किनारे वास करते हैं। ये मंदिर की 3583  मीटर की ऊंचाई पर है। ये चार धामों में से एक धाम है। यहाँ पहुंचने के लिए एक कठिन रास्ता तय करना पड़ता है। बाबा बर्फानी के दर्शन यहाँ गर्मियों  में ही किए जा सकते हैं, सर्दियों में ये जगह बर्फ से भर जाती है और भक्तजन यहाँ नहीं आ सकते , मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं।

सोमनाथ मंदिर

Somnath Temple

सोमनाथ मंदिर गुजरात के वेरवाल क्षेत्र में स्थित है। ये मंदिर 12  ज्योतिर्लिंगों में से एक है। इस मंदिर में कई बार विदेशी लूटेरों ने भी आक्रमण किया है,लूटेरे इसके अंदर लगे सभी सोने और कीमती  आभूषण ले कर चले गए इसके बाद 1947  में इसका दुबारा निर्माण किया गया पर  आज भी इस मंदिर की भव्यता कम नहीं हुई है।

ओंकारेश्वर मन्दिर

Omkareshwar Temple

ओंकारेश्वर मन्दिर नर्मदा नदी के तट पर मध्य प्रदेश में खंडवा जिले में एक द्वीप पर स्थित है। ये मंदिर ॐ के आकार में बना हुआ है। माना जाता ही की अगर कोई तीर्थ यात्री सारे तीर्थ कर ले और ओंकारेश्वर तीर्थ में आकर भोले जी को जल अर्पण न करे तो उसका तीर्थ अधूरा ही रहता है। इस मन्दिर में शिव भक्त कुबेर ने तपस्या करके शिवलिंग की स्थापना करी थी।

काशी विश्वनाथ

Kashi Vishwanath

ऐसी मान्यता है की जो व्यक्ति काशी में अपनी अंतिम  सांस लेता है वो इस जीवन चक्र से मुक्ति पा लेता है। माना जाता है भगवन शिव ने काशी शहर बसाया था और ये शहर शिव जी के मन में बसा हुआ है। काशी विश्वनाथ का मंदिर भी 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। शिवरात्रि के दिन यहाँ भक्तों की भीड़ लग जाती है और मंदिर को भव्य रूप से सजाया जाता है।

त्र्यम्बकेश्वर मन्दिर

Trimbakeshwar Temple

गोदावरी नदी के किनारे, त्र्यम्बकेश्वर मन्दिर काले पत्थरों से बना हुआ है। ये नाशिक शहर से 30 किलोमीटर दुरी पर है। इस मंदिर को पेशवा बालाजी बाजी राव ने बनवाया था। यहाँ शिवलिंग पर भगवान् विष्णु, भगवान् शिव और भगवान् रूद्र के 3  चेहरे बने हुए हैं।

अमरनाथ मंदिर

Amarnath Temple

अमरनाथ मंदिर जम्मू कश्मीर में एक दुर्गम पहाड़ी में स्थित है, यहाँ भगवान् का शिवलिंग स्वंय बर्फ से बनता है और पिघल जाता है । यहाँ पहुंचने के लिए बहुत कठिन यात्रा तय करनी पड़ती है। ये मंदिर 3888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।

शोर मंदिर

Shore Temple

शोर मंदिर, बंगाल की खाड़ी की किनारे पर स्थित है, ये मंदिर आठवीं शताब्दी के कुछ मंदिरों में से एक है। ये मंदिर बड़े बड़े ग्रेनाइट पत्थरों से बनाया गया है। ये यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट में से एक है। यहाँ भगवान् शिव के साथ साथ भगवान् विष्णु के भी दर्शन किये जा सकते हैं

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