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Chhoti Diwali 2025 : जानिए क्यों मनाई जाती है नरक चतुर्दशी

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Chhoti Diwali 2025 : जानिए क्यों मनाई जाती है नरक चतुर्दशी

दीपावली से एक दिन पहले मनाई जाने वाली छोटी दीपावली या नरक चतुर्दशी, इस बार 19 - 20 अक्टूबर 2025 को मनाई जाएगी।

पंचांग के अनुसार चतुर्दशी तिथि 19 अक्टूबर दोपहर 1:51 बजे शुरू होकर 20 अक्टूबर दोपहर 3:44 बजे तक रहेगी।इसलिए छोटी दीपावली के स्नान और दीपदान का शुभ मुहूर्त 19 अक्टूबर की रात और 20 अक्टूबर की सुबह तक रहेगा।

क्यों मनाई जाती है छोटी दीपावली?

छोटी दीपावली को नरक चतुर्दशी भी कहा जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने राक्षस नरकासुर का वध किया था, जिसने 16,000 स्त्रियों को बंधक बनाया था।

नरकासुर के संहार के बाद लोगों ने दीप जलाकर खुशियाँ मनाई, जिसका प्रतीक बुराई पर अच्छाई की विजय का माना जाता है। 

यही परंपरा छोटी दीपावली के रूप में आज तक चल रही है। इसी कारण इस दिन को “अंधकार पर प्रकाश की जीत” का प्रतीक भी कहा जाता है।

छोटी दीपावली के अन्य नाम

भारत के अलग-अलग हिस्सों में इस दिन को अलग-अलग नामों से जाना जाता है :- 

  • नरक चतुर्दशी (उत्तर भारत)
  • काली चौदस (गुजरात और महाराष्ट्र)
  • रूप चौदस (महिलाओं में प्रचलित, रूप-सौंदर्य स्नान हेतु)

हर नाम के पीछे एक विशेष परंपरा और श्रद्धा जुड़ी है। लेकिन सभी का उद्देश्य है अशुद्धियों को दूर करना और शुभता का स्वागत करना।

छोटी दीपावली की पूजा विधि (Puja Vidhi)

छोटी दीपावली की सुबह को अभ्यंग स्नान (तेल स्नान) का विशेष महत्व होता है। इस स्नान को सूर्योदय से पहले करना शुभ माना गया है।

पूजा विधि 

  1. स्नान से पहले तिल या सरसों के तेल का लेप शरीर पर लगाएँ, फिर गुनगुने पानी से स्नान करें।
  2. घर के मुख्य द्वार पर आँगन और मंदिर को साफ करें और रंगोली बनाएं।
  3. घर के हर कोने में दीपक जलाएं।
  4. यमदीपदान करें, दक्षिण दिशा में घर के बाहर दीपक रखें और भगवान यमराज से परिवार की दीर्घायु की प्रार्थना करें।
  5. भगवान कृष्ण और माता लक्ष्मी की पूजा करें।
  6. दिन में सत्त्विक भोजन करें और शाम को दीपावली-पूर्व उत्सव मनाएं।

यमदीपदान का महत्व

इस दिन यमराज के लिए दीपदान करना अनिवार्य माना गया है। शाम को सूर्यास्त के बाद घर के मुख्य द्वार के बाहर एक दीपक दक्षिण दिशा की ओर जलाया जाता है। ऐसा करने से अकाल मृत्यु से रक्षा होती है और घर में समृद्धि भी आती है।

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