SEARCH
Search Articles

Search Articles

Find the latest news and articles

Searching articles...

मां कात्यायनी की पूजा, विवाह व्रत और लाल रंग का रहस्य!

By Rajni Editor | September 26, 2025
Featured Image

Maa Katyayani Navratri Day 6: नवरात्रि का छठा दिन मां दुर्गा के कात्यायनी रूप की उपासना को समर्पित होता है। मां कात्यायनी को शक्ति और साहस की देवी भी माना जाता है, जो भक्तों के जीवन से सभी बाधाओं का नाश कर उन्हें विजय और सफलता का आशीर्वाद देती हैं। विवाह में आने वाली अड़चनें दूर करने के लिए मां कात्यायनी की पूजा और व्रत का विशेष महत्व माना जाता है। 

मान्यता यह भी है कि अविवाहित कन्याएँ अगर श्रद्धा और भक्ति से मां कात्यायनी का व्रत करें, तो उन्हें मनचाहा वर और वैवाहिक सुख प्राप्त होता है। 

छठे दिन लाल रंग का महत्व

लाल रंग साहस, ऊर्जा और प्रेम का प्रतीक है। मां कात्यायनी इसी शक्ति की अधिष्ठात्री देवी हैं। इस दिन लाल वस्त्र पहनना सौभाग्य, आत्मबल और सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है।

विवाह के लिए मां कात्यायनी की पूजा करें (Shaadi ke liye Maa Katyayani Puja)

Navratri Day 6: मां कात्यायनी को विवाह का वरदान देने वाली देवी माना गया है। ऐसा विश्वास है कि अविवाहित कन्याएँ यदि श्रद्धा से मां कात्यायनी की पूजा और व्रत करें, तो उन्हें इच्छित वर की प्राप्ति होती है। 

नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा विधि (Maa Katyayani Puja Vidhi)

  • प्रातः स्नान कर लाल वस्त्र धारण करें।
  • पूजा स्थल पर मां कात्यायनी की प्रतिमा/चित्र स्थापित करें।
  • गंध, अक्षत, पुष्प, धूप, दीप और लाल चंदन अर्पित करें।
  • शहद का भोग अर्पित करें क्योंकि यह मां को प्रिय है।
  • अंत में मां के छठे दिन के मंत्र का जाप करें।

अविवाहित लड़कियों के लिए कात्यायनी व्रत

  • यह व्रत अविवाहित कन्याएँ मनचाहा वर पाने हेतु करती हैं।
  • ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर के मां कात्यायनी की पूजा करें।
  • दिनभर फलाहार या केवल दूध पर व्रत रखें।
  • मां को लाल फूल, शहद और चंदन अर्पित करें।
  • नियमित रूप से कात्यायनी मंत्र का जाप करें।
  • यह व्रत लगातार 16 सोमवार या नवरात्रि के छठे दिन करना विशेष फलदायी माना गया है।

 सफलता और साहस के लिए छठे दिन का मंत्र

मंत्र:

ॐ देवी कात्यायन्यै नमः
इस मंत्र का जाप करने से साहस, आत्मविश्वास और हर कार्य में सफलता प्राप्त होती है।

ऐसी ही रोचक जानकारी पाने के लिए पढ़ें:

मां शैलपुत्री पूजा (नवरात्रि पहला दिन)
मां ब्रह्मचारिणी पूजा (नवरात्रि दूसरा दिन)
मां चंद्रघंटा पूजा विधि (नवरात्रि तीसरा दिन)
मां कुष्मांडा पूजा विधि (नवरात्रि चौथा दिन)
मां स्कंदमाता पूजा विधि (नवरात्रि पांचवां दिन)

Click to read the full article

No tags available for this post.

Add Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *