पंजाब में बाढ़ का तांडव: नावों की किल्लत और सेना का संघर्ष

Punjab Flood 2025: बारिश से सब ही लोग परेशान हैं और पंजाब भी इन दिनों भीषण बाढ़ की चपेट में है। वहां के हालात ऐसे हो गए हैं कि गाँव-गाँव नावों और लाइफ जैकेट की मांग में अचानक से कई गुना बढ़ गई है। एक नाव की कीमत जहाँ पहले हज़ारों में हुआ करती थी, वहीं अब दाम लाखों तक पहुँच ग्या है। दूसरी ओर, पठानकोट में पहाड़ दरकने और लुधियाना में धुस्सी बाँध पर दबाव बढ़ने के बाद सेना और एनडीआरएफ को मोर्चे को संभालना पड़ा है। लाखों लोग प्रभावित हैं और राहत कार्य तेज़ी से चल रहा हैं।
पंजाब में नावों की बढ़ती ज़रूरत और बढ़ी कीमतें
पंजाब में इस बाढ़ के कारण मोटर बोट और रेस्क्यू बोट की मांग को पहले से कई गुना बढ़ा दिया है। रोपड़ में फैक्ट्रियों में मजदूर दिन-रात काम कर रहे हैं, और एक नाव की कीमत जहाँ पहले ₹85,000 हुआ करती थी वहीँ अब इस समय बढ़कर ₹1.8 लाख तक पहुँच गई है। लाइफ जैकेट भी लगभग ₹1,000 में मिल रही हैं। ये केवल अब व्यवसाय नहीं रहा है बल्कि आम लोग, गुरुद्वारों की व्यवस्थाएं और राहत-कार्यों में लगे हुए लोग भी अब नावें ख़रीद रहे हैं ताकि बाढ़ प्रभावित इलाकों में बचाव और राहत सामग्री को पहुँचाया जा सकें।

बाढ़ का विकराल रूप पठानकोट से लुधियाना तक
Punjab Flood 2025: पठानकोट में भारी बारिश और बाढ़ की वजह से पहाड़ दरकने की घटनाएँ सामने आ रही हैं, जिससे सड़क और यातायात प्रभावित हो रहे हैं। लुधियाना में सतलुज नदी के पास बने “धुस्सी बाँध” पर पानी के दबाव के कारण चिंता की स्थिति बनी हुई है। बाँध कमजोर होने की सूचना पर सेना और एनडीआरएफ को मोर्चा संभालने के लिए आना पड़ा है, तथा खतरे के मद्देनज़र लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की तैयारी भी चल रही है। कुल मिलाकर, पंजाब की इस बाढ़ को “महाविनाश” के रूप में देखा जा रहा है क्योंकि 23 जिलों में 1,902 से अधिक गाँव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं और प्रभावित लोगों की संख्या लाखों में है।
फसलों और पशुओं का नुकसान
Punjab Flood 2025: बाढ़ ने जहाँ गाँवों और शहरों को डुबो दिया है, वहीं खेती भी पूरी तरह तबाह हो चुकी है। फसलों का भारी नुकसान हुआ है और किसानों को बड़ी हानि उठानी पड़ रही है। सबसे बड़ी चिंता यह है कि पशुओं की मौत और नुकसान की पूरी तस्वीर अभी तक साफ़ नहीं हो पाई है। अब तक 365 पशुओं की मौत की पुख्ता जानकारी मिली है, लेकिन असली आंकड़ा इससे कहीं ज़्यादा हो सकता है। बाढ़ में लोगों के घर से लेकर जीवन तक संकट में हैं।
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