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Rekha: बॉलीवुड की सदाबहार प्रतीक और रहस्यमयी दीवा

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Rekha: बॉलीवुड की सदाबहार प्रतीक और रहस्यमयी दीवा

आज हिंदी सिनेमा की एक दिव्यांग, रेखा (पूरा नाम: Bhanurekha Ganesan), अपनी 71वीं वर्षगांठ मना रही हैं। वर्ष 1954 में चेन्‍नई (तत्कालीन मद्रास) में जन्मी रेखा ने एक लंबी, संघर्षपूर्ण और शानदार करियर के ज़रिए खुद को हमेशा के लिए Bollywood industry की अमर नायिका बना लिया है।

संघर्ष से सितारा तक का सफर

रेखा ने अपने अभिनय की शुरुआत बचपन में तेलुगु फिल्मों से की जिनमें शामिल थी  इंति गुट्टू (Inti Guttu - 1958) और रंगुला रत्नम (Rangula Ratnam - 1966). हिंदी सिनेमा में उनका पहला बड़ा कदम सावन भादों (Sawan Bhadon -1970) से था, जिसने उन्हें पहचान दिलाई। 

शुरुआत में उनकी भाषा और लुक्स को लेकर आलोचनाएँ काफी हुईं, लेकिन उन्होंने न केवल अपनी हिंदी सुधारी बल्कि अपनी छवि को भी सशक्त कर दिखाया। 1978 में घर (Ghar) और मुकद्दर का सिकंदर (Muqaddar Ka Sikandar) जैसी फिल्मों ने उन्हें स्टारडम की ऊँचाइयों पर पहुँचा दिया। 

अविस्मरणीय भूमिकाएँ और पुरस्कार

उमराव जान (Umrao Jaan - 1981) में वैश्या (courtesan) की भूमिका ने उन्हें राष्ट्रीय सम्मान दिलाया और यह उनकी सबसे यादगार भूमिकाओं में से एक है। 

ख़ूबसूरत, ख़ून भरी माँग, सिलसिला (Khubsoorat, Khoon Bhari Maang, Silsila) आदि फिल्मों ने उनकी बहुमुखी प्रतिभा को दर्शाया। उन्होंने तीन Filmfare पुरस्कार जीते और एक राष्ट्रीय पुरस्कार भी प्राप्त किया।

निजी जीवन और अफवाहें

रेखा का विवाह मार्च 1990 में दिल्ली के व्यवसायी मुकेश अग्रवाल से हुआ, लेकिन दुख की बात है कि सात महीने बाद ही उन्होंने आत्महत्या कर ली थी। 

एक विवादित जीवनी रेखा : द अनटोल्ड स्टोरी' (Rekha : The Untold Story) में दावा किया गया है कि रेखा एक लंबे समय तक सचिव फरजाना के साथ अपने करीबी रिश्ते में बनी रहीं, हालांकि ये बातें कभी भी सार्वजनिक रूप से पूरी तरह से पुष्टि नहीं की गईं है।

हाल ही में, रेखा ने सिलसिला (Silsila) के सेट पर अमिताभ बच्चन द्वारा दिये गए एक अजीब सुझाव का जिक्र किया है “इससे बुरा क्या हो सकता है?” और यह भी स्वीकार किया कि उन्होंने कुछ उनकी आदतें भी अपनाईं।

सौंदर्य, कला और रहस्य की मूरत

रेखा केवल एक अभिनेत्री नहीं रही हैं, बल्कि वह सौंदर्य, कला, संजीविता और रहस्य का प्रतीक बन गई हैं। जीवन की चुनौतियों के बावजूद उन्होंने अपनी पहचान बनाए रखी और बॉलीवुड में अमिट (indelible) छाप छोड़ी। इस जन्मदिन पर हम उन्हें नमन करते हैं और कामना करते हैं कि आने वाला साल उन्हें स्वास्थ्य, शांति और सम्मान से परिपूर्ण हो।

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