बाबा बोले ‘Baby, I love you’ - दिल्ली की छात्राओं ने दर्ज कराया FIR

दिल्ली के वसंत कुंज इलाके में स्थित श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट (Sri Sharada Institute of Indian Management) के निदेशक कहलाने वाले स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती पर कई छात्राओं ने यौन उत्पीड़न और बदसलूकी के गंभीर आरोप लगाए हैं।
उन आरोपों में हैं कि उन्होंने छात्राओं को अनचाहे संदेश भेजे गए, धमकियाँ दीं गई, उनके परीक्षा अंक घटाए गए, और अन्य उपाय किए ताकि वे उनकी बात मानें।
शिकायत करने वाली एक छात्रा का आरोप है कि वह हॉस्टल की गलियों में गिर गई थी, उसके एक्स-रे रिपोर्ट बाबा ने भेजने को कहा, और फिर उसके बाद से उसको व्यक्तिगत संदेश भेजने शुरू कर दिए।
विवादित संदेशों में यह भी शामिल है: “Baby, I love you. I adore you. You look beautiful today”
कॉलेज और संस्था का रोल
- इस घटना के बाद से कॉलेज के प्रबंधन पर भी सवाल उठ रहे हैं। शिकायतों के मुताबिक, तीन महिला स्टाफ (जिनमें एक एसोसिएट डीन भी शामिल है) ने छात्राओं को दबाव बनाने में भूमिका निभाई गई है.
- उन्हें संदेश मिटाने को कहा गया और माफी पत्र लिखवाए गए हैं।
- संस्था से जुड़ी शारदा पीठ (Sharada Peetham) ने इन आरोपों के बाद स्वामी चैतनानंद से सभी संबंध तुरंत काटने का ऐलान भी कर दिया।
कानूनी कार्रवाई और बचने की कोशिश
- दिल्ली पुलिस ने FIR दर्ज की है और लुकआउट सर्कुलर भी जारी किया है, ताकि स्वामी विदेश न भाग सकें।
- आरोपों में यह भी शामिल है कि उन्होंने अपने आप को पकड़ से बचाने के लिए रूप बदला और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को भी त्याग दिया है।
- उनके एक वाहन में नकली डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट भी लगवाई थी, जो कि “UN 1” जैसी पहचान के साथ पाई गई है।
- पुलिस की कई राज्यों में रेड जारी है जिसमें उत्तर प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड आदि जगहें शामिल हैं।
पीड़ितों की आवाज़ और स्थिति
- कुल 17 छात्राओं ने संयुक्त रूप से शिकायत दर्ज कराई है।
- उनमें से एक छात्रा का कहना है कि शुरुआत में जब वह कॉलेज में पहली बार आई, तो उन्होंने उसे विचलित करने वाले तरीके से देखा गया और बाद में डराया-धमकाया भी गया।
- वे यह आरोप लगाती हैं कि छात्राओं को रात में उनके क्वार्टर बुलाया गया, अधिकारियों ने कहा कि अगर वह बात नहीं मानी है, तो परीक्षा से बाहर कर देंगे, ग्रेड घटा देंगे आदि।
- एक लड़की का यह दावा भी है कि कॉलेज में होली के दिन पहले उन्हें लाइन में खड़ा किया गया, और चैतनानंद ने उनके सिर पर रंग लगाया। इस तरह की घटनाएँ उत्पीड़न की मानसिकता को दिखाती हैं।
यह मामला सिर्फ एक व्यक्ति के अलोकप्रिय कर्मों का नहीं रहा है, बल्कि उस शक्ति और प्रतिष्ठा का दुरुपयोग है, जो अक्सर छात्रों के साथ जुड़ी संस्थाओं में होता है। इस तरह की शिकायतों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए, ताकि न केवल दोषी पकड़े जाएँ, बल्कि भविष्य में कोई ऐसी घटना न हो।
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