तीन दिन से देशभर के डॉक्टर हड़ताल पर – लोगों को इलाज कराने हेतु हो रही है परेशानी

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Delhi Doctor Strike

Delhi Doctor Strike – पिछले महीने की 29 जुलाई से दिल्ली के अधिकतर डॉक्टर पड़ताल पर चल रहे है। क्योंकि उस ही दिन लोकसभा में एनएमसी बिल को पास कर दिया गया था। आज हड़ताल का तीसरा दिन है। हम आपको बताना चाहते है की सभी डॉक्टर लोकसभा में पास किए गए नेशनल मेडिकल कमीशन बिल के विरुद्ध में थे। दिल्ली में डॉक्टरों की हड़ताल के बाद भी केंद्र सरकार द्वारा इस बिल को राज्यसभा में पास कर दिया गया है। फ़िलहाल यह हड़ताल अब दिल्ली तक ही सिमित नहीं रह गई है बल्कि धीरे – धीरे यह पुरे देश में फैलती जा रही है।

Delhi Doctor Strike

डॉक्टर के ऐसे अचानक हड़ताल (Delhi Doctor Strike) पर जाने से राज्य व देश की स्वास्थ्य सेवाएं बहुत अधिक प्रभावित हो गई है। इस हड़ताल के चलते लोगों को अपना इलाज कराने हेतु बहुत मुश्किलों को सामना करना पड़ रहा है। इतना ही नहीं गंगा नगर की एक महिला अपने बेटे का इलाज कराने हेतु दिल्ली आई थी लेकिन इस हड़ताल ने उसे परेशानी में डाल दिया है। यह महिला अपने बेटे के इलाज (Delhi Doctor Strike) को लेकर 4 दिन काफी अधिक दिक्क्त में है। इसके अलावा, भी बहुत से ऐसे लोग है जो दूर से अपना इलाज कराने के लिए दिल्ली आए है। लेकिन उन्हें किसी भी प्रकार की कोई मेडिकल सुविधा प्राप्त नहीं पा रही है। एक व्यक्ति अपनी पत्नी का इलाज कराने हेतु दिल्ली आया हुआ है उस व्यक्ति की पत्नी को ब्रैन कैंसर जैसी गंभीर बिमारी है। यदि इस महिला का सही समय पर इलाज नहीं हुआ तो उसकी जान भी जा सकती है।

मोदी सरकार इस नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) बिल (Delhi Doctor Strike) को राज्यसभा में पास करवाने में कामियाब तो रही है लेकिन मोदी सरकार की इस कामियाब ने देश के सभी लोगों को संकट में ला दिया है क्योंकि इस बिल के पास होने के बाद सभी डॉक्टर हड़ताल पर चले गए है इतना ही नहीं अभी तक डॉक्टर की यह हड़ताल खत्म नहीं हुई है। यह बिल बीते कल यानी की 1 अगस्त 2019 को आधिकारिक रूप से पास किया गया था।

इस समय पुरे देश के डॉक्टर इस बिल के खिलाफ है जिसके चलते है अपनी ड्यूटी पर भी नहीं जा रहे है देशभर के डॉक्टरों के ऐसे हड़ताल पर जाने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री श्री अश्विनी चौबे द्वारा देश के सभी डॉक्टरों से अपील की गई है। यह बिल सम्पूर्ण रूप से डॉक्टरों के हित में पास किया गया है इसलिए सभी डॉक्टरों से अपील की जाती है की वह हड़ताल से वापस लौट जाएँ। इस बिल का इतना अधिक विरोध होने के बाद भी केंद्र सरकार इस बिल को पास कराने में सम्पूर्ण रूप से कामियाब रही है। इस बिल के पास होने के बाद से 3 वर्ष के अंतर्गत, नेशनल मेडिकल कमीशन का गठन कर दिया जाएगा।

हम आपको बताना चाहते है की एमसीआई के पास एडमिशन, मेडिकल शिक्षा के साथ ही साथ डॉक्टरों के पंजीकरण से सम्बंधित सभी कार्य शामिल होते है। परन्तु जैसे ही केंद्र सरकार द्वारा इस बिल को राज्यसभा में पास किया गया है तबसे यह सारा कार्य एनएमसी के हाथों में चला गया है।

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