हाल ही मिली न्यूज़ के अनुसार, उत्तर प्रदेश के अयोद्या के गोसाईंगंज क्षेत्र के बेलारिखन गांव में मानवता की एक शानदार मिसाल देखने को मिली है। बेलारिखन गांव में हिन्दू समुदाय के लोगों ने अपनी कुछ जमीन क्षेत्र के सभी मुस्लिम भाइयों को कब्रिस्तान बनाने हेतु दे दी है। इस अच्छे कार्य की शुरुआत बेलारिखन गांव क्षेत्र के विधायक श्री इंद्रप्रताप तिवारी द्वारा की गई है। इस क्षेत्र के संत ने अनेक जमीन के लोगों के साथ मिलकर जमीन को मुस्लिमों के नाम कर दिया है।
20 जून को एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए
इस जमीन को 8 हिस्सेदारों के साथ मिलकर 20 जून को एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे जिसमें इस मामले को शांतिपूर्वक सुलझा लिया गया है। कुछ समय पहले इस बात को लेकर एक विवाद बना हुआ था की वह जमीन हिन्दुओं के लिए थी। परन्तु उस ही जमीन का मुस्लिम भी उपयोग करते थे। आखिरकार इस विवाद को सम्पूर्ण रूप से सुलझा लिया है।
किन लोगों का रहा इस विवाद को सुलझाने मे अहम योगदान
इस विवाद को सुलझाने में सबसे अहम योगदान राम प्रकाश बबलू, राम सिंगार पांडे, राम शबद, जिया राम, सुभाष चंद्र, रीता देवी, विंध्यांचल और अवधेष पांडे का रहा है। क्योंकि इस सब ने ही मिलकर ईंगंज कब्रिस्तान कमिटी के नाम अपनी जमीन को कर दिया है। जिसके बाद फैजाबाद सदर तहसील में सब-रजिस्ट्रार के ऑफिस में जमीन से जुड़े सभी दस्तावेजों पर हस्ताक्षर कर दिए गए है।
धर्म के नाम पर भेदभाव करने वालों को करारा जवाब
इस पुरे विवाद के बाद क्षेत्र के रजिस्ट्रार एसबी सिंह ने कहा की यह सभी हिन्दुओं की ओर से सभी मुस्लिम भाइयों के लिए स्टांप ड्यूटी के साथ दिए एक उपहार है। इतना ही नहीं इस पहल के बाद हिन्दू-मुस्लिम में और अधिक भाईचारे को बढ़ाने में मदद मिलेगी। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा है की यह संबंध हमेशा के लिए अच्छे बने रहे तो हमारे देश के लिए बहुत अच्छी बात होगी।
गोसाईंगंज जामा मस्जिद के मुख्य इमाम हाजी अब्दुल हक भी इस निर्णय से सहमत
इस विवाद को शांतिपूर्वक हल करने के बाद गोसाईंगंज जामा मस्जिद के मुख्य इमाम हाजी अब्दुल हक ने भी इस फैसले पर सहमति जताई है। इसके साथ ही उन्होंने यह कहा है की यह नेकी की एक जीती जाक्ति मिसाल है। तथा इसके बाद सम्पूर्ण देश और दुनिया को शांति और सौहार्द से रहना का उदाहरण दिया गया है।