क्या है डिमेंशिया बिमारी के मुख्य लक्षण जानिये जांच व उपचार के सही उपाय

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main symptom of dementia disease

हमारी भागदौड़ भरी जिंदगी में मानसिक रोग दिन पर दिन बढ़ते जा रहें हैं और ये हमारे मस्तिष्क पर गलत प्रभाव डाल रहे हैं। आज हम जानते हैं डिमेंशिया बिमारी के बारे में, डिमेंशिया वैसे तो कोई बिमारी का नाम नहीं है बल्कि लक्षणों के समूह का नाम है जो की मस्तिष्क की हानि से सम्बन्धित है।

इस बिमारी में आदमी को रोजमर्रा के काम करने में भी दिक्कत होती है और उम्र के साथ ये बिमारी बढ़ती जाती है। अल्जाइमर की बिमारी डिमेंशिया में  सबसे आम बिमारी है। इसमें हमारी सोचने समझने की ताकत बहुत कम हो जाती है और ऐसा दिमाग पर ज्यादा जोर डालने, अवसाद या अन्य  किसी मानसिक बिमारी से हो जाता है।

डिमेंशिया के कुछ आम लक्षण हैं

शार्ट टर्म मेमोरी लॉस

चीजें रख के भूल जाना

खाना खाना याद नहीं रहना

घूमने जाना भूल जाना

डिमेंशिया की बहुत सी किस्में प्रोग्रेसिव होती है मतलब बढ़ती रहती हैं अगर आपको ये समस्याएं हैं तो हो सकता उम्र के साथ ये और बढ़ती चली जाएँ, इसलिए अच्छा यही है की आप तुरंत डॉक्टरी सलाह लें।

डिमेंशिया दिमाग में सेल्स को क्षति पहुंचने के कारण होता है, इसमें सेल्स सही से काम नहीं कर पाते और सूचना का आदान प्रदान ढंग से नहीं हो पाता, इस से हमारी सोचने समझने और अन्य काम करने की शक्ति पर फ़र्क़ पड़ता है।

वैसे तो डिमेंशिया में सेल्स स्थाई रूप से ख़राब हो जाते है, पर हम इन लक्षणों को सही कर डिमेंशिया को कम कर सकते हैं

डिप्रेशन

अत्याधिक शराब पीना

थाइरोइड की समस्या

विटामिन की कमी

कैसें जांचें डिमेंशिया को

डिमेंशिया को जांच करने का कोई तरीका नहीं है, ये केवल लक्षणों से ही पता लगाया जा सकता है। डॉक्टर मेडिकल हिस्ट्री  देख के ही इसका अनुमान लगा सकते हैं । इसके लिए वो कुछ लैब टेस्ट , दिन प्रतिदिन के काम को देख सकते हैं फिर भी डॉक्टर अनुमान ही लगा सकते हैं। एकदम सटीक डिमेंशिया के प्रकार का पता लगाना मुश्किल है, डॉक्टर ज्यादा केस में अल्जाइमर ही बताते है और यदि केस कुछ ज्यादा ही गंभीर है तो डिमेंशिया ही लिख देते हैं। अगर आपको ज्यादा गंभीर डिमेंशिया है तो आपको बड़े दिमागी डॉक्टर से मिलने की जरुरत पड़ सकती है।

कैसे करें उपचार

डिमेंशिया का उपचार उसके प्रकार पर निर्भर करता है अगर अल्ज़ाइमर और प्रोग्रेसिव डिमेंशिया है तो इसका इलाज न के बराबर ही होता है, ये उम्र के साथ बढ़ता ही रहता है । दूसरे तरह के डिमेंशिया में दवाई से ही असर हो जाता है और रोगी बिलकुल स्वस्थ हो जाता है।

इस से बचने के सबसे अच्छा तरीका है, अच्छी जीवनशैली अपनाएं और स्वस्थ आहार लेकर इस के खतरे को कम किया जा सकता है। साबुत अनाज, फल, सब्जियों का भरपूर सेवन करें। आहार में कार्बोहाइड्रेट, पोटेशियम, कैल्शियम, फाइबर और मैग्नीशियम का अधिक सेवन करें। नियमित रूप से व्यायाम करें और ज्यादा स्ट्रेस न लें।

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