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नेपाल में जन-ज़ेड आंदोलन की आग: संसद जली, ओली की सत्ता ढही

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नेपाल में जन-ज़ेड आंदोलन की आग: संसद जली, ओली की सत्ता ढही

Nepal Gen Z Protest: नेपाल इस समय अपनी आज़ादी के बाद के सबसे बड़े राजनीतिक संकट से गुजर रहा है। सोशल मीडिया बैन के खिलाफ शुरू हुआ जन-ज़ेड आंदोलन अब पूर्ण विद्रोह में बदल चुका है। नेपाल में सिर्फ सोशल मीडिया प्रतिबंध की वजह से नहीं, बल्कि लंबे समय से चले आ रहे राजनीतिक और आर्थिक संकट की गहराई को उजागर किया है। काठमांडू की सड़कों पर भड़की आग ने संसद भवन, सरकारी दफ्तरों और नेताओं के घरों को चपेट में ले लिया। हालात इतने बिगड़े कि प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली को इस्तीफा देना पड़ा और सेना ने राजधानी का नियंत्रण संभाल लिया।

कैसे शुरू हुआ आंदोलन?


नेपाल में सोशल मीडिया पर प्रतिबंध (फेसबुक, इंस्टाग्राम, X आदि) लगाने के विरोध में 08 - 09 सितंबर 2025 को पूरे देश में युवा जन-ज़ेड आंदोलन (nepal gen z protest) भड़क उठा था। यह केवल एक प्रतिबंध का विरोध नहीं था, बल्कि वर्षों से जमा भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और राजनीतिक निराशा का विस्फोट था। प्रदर्शन हिंसक रूप में तब बदल गए जब सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों पर गोलियाँ, रबर की गोलियाँ और आंसू गैस आदि का इस्तेमाल किया, जिससे करीब 19 से 22 लोग मारे गए।

कैसे हिंसक हुआ प्रदर्शन?


प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन, सर्वोच्च न्यायालय, सिंह दरबार, प्रधानमंत्री के निवास सहित कई सरकारी इमारतों और नेताओं के घरों में आग लगा दी। पूर्व पीएम झलनाथ खनाल की पत्नी रज्यलक्ष्मी चित्रकार की मौत भी इसी आगजनी में हो गई।

राजनीतिक परिणाम

बढ़ते प्रदर्शनों और हिंसा के दबाव में प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली ने 9 सितंबर 2025 को इस्तीफा दे दिया। हालात और घटनाओं के बीच नेपाली सेना ने राजधानी काठमांडू में नियंत्रण संभाला, प्रधानमंत्री और अन्य मंत्रियों को हेलीकॉप्टर से सुरक्षित निकाला गया। त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र बंद कर दिया गया; कई उड़ानें लखनऊ, दिल्ली जैसी जगहों पर डायवर्ट कर दी गईं।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया


भारत समेत कई देशों ने मुंबई और दिल्ली से काठमांडू जाने वाली उड़ानों को रद्द/पुनर्निर्देशित किया, भारत ने अपने नागरिकों के लिए सुरक्षा जागरूकता जारी की है। आने वाले दिनों में सरकार और प्रदर्शनकारियों के बीच वार्ता की उम्मीद जगी है, लेकिन देश में राजनीतिक अस्थिरता और गहरती बेरोजगारी का संकट अब भी बरकरार है।

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