कर्ज़दार एयरटेल कंपनी बन सकती हैं विदेशी कंपनी (airtel company became a foreign entity)

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Airtel Company in India
भारत की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी  भारती एयरटेल ने सरकार से अपनी कंपनी 51 प्रतिशत विदेशी पूंजी की इजाजत मांगी हैं। भारती  टेलीकॉम ने तकरीबन  सिंगापुर की सिंगटेल  और कई कम्पनियो से आने वाले  4900 करोड़ रुपये को प्रतक्ष रूप से विदेशी निवेश की इज़्ज़ाजत मांगी हैं। इस बिल को  मंजूरी  हैं तो एयरटेल विदेशी कंपनी बन जायगी।

❍ क्यो हुई कर्ज़दार भारती 

जियो के आने के बाद से भारतीय टेलीकॉम मैं  बहुत बड़ा ही बदलाव आया जिसे बहुत सारी कंपनी या बंद हो गयी या फिर उन्हे बहुत नुक्सान उठना पड़ा।  एयरटेल को भी जियो से मुकाबला करने पर कुछ ऐसा ही नुक्सान उठाना पड़ा हैं। समायोजित सकल राजस्व (AGR) जैसे मामलों मैं एयरटेल सहित कही बड़ी टेलीकॉम कम्पनियो काफी मुश्किल से गुजरना पड़ता हैं। एयरटेल को अभी ऐजीर  के एवज़  मैं सरकार को 43000 करोड़ रूपया चुकाना हैं

❍ अभी कितना हैं भारतीयों का हिस्सा 

अभी एयरटेल हैं सुनील मित्तल का और उनके परिवार का 52 प्रतिशत हिस्सा हैं। अगर एयरटेल की इस मांग को सरकार मान लेती हैं तो फिर सुनील मित्तल और उनके परिवार की हिस्सेदारी  50 प्रतिशत से कम हो जाएगी।
कानून के मुताबिक  अगर किसी कंपनी मैं भारतीय की हिस्सेदारी  50  प्रतिशत से कम  हो  तो यह विदेशी कंपनी मानी जाती हैं।

❍ एयरटेल ने क्या कहा सरकार से 

एयरटेल ने सिंगटेल  और अपने कही और विदेशी कंपनी  के निवेशकों से 4900 करोड़ रुपये अपनी कंपनी मैं निवेश करने को लिए आवदेन किया हैं। अगर इसको मंजूरी मिल जाती हैं तो एयरटेल विदेशी कंपनी बन जाएगी

❍ कितना होगा विदेशी हिस्सा 

अभी एयरटेल मैं लगभग 43 प्रतिशत विदेशी हैं अगर यह चीज़ के मंजूरी मिल जाती है तो एयरटेल केअंदर विदेशी निवेशकों की हिस्सेदारी 84 प्रतिशत हो जाएगी।

❍ इतनी मजबूरी क्यों हैं विदेशी निवेश की 

हाल मे ही एयरटेल और वोडाफोन ,आईडिया का दूसरी तिमाई नतीजे घोषित किये गए थे। जिसमे एयरटेल ,वोडाफोन और आईडिया ने बताया की ए जी र  की वजह से कंपनी को 70000 करोड़ का घाटा हुआ है। वोडाफोन -आईडिया को 50000 करोड़ का घाटा हुआ हैं। जबकि एयरटेल को 23000 करोड़ का घाटा हुआ हैं।
यह घाटा कॉरपरेट जगत का सबसे बड़ा घाटा हैं।

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