Bihar Election Result 2025: NDA की ऐतिहासिक जीत, RJD को बड़ा झटका और बनी नई सरकार!
Bihar Election Result 2025 : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे ऐसे रहे जिसने न सिर्फ राजनीतिक दलों को, बल्कि चुनाव विश्लेषकों और एग्जिट पोल करने वालों को भी पूरी तरह से चौंका दिया।
एनडीए ने अपेक्षा से कहीं अधिक प्रदर्शन करते हुए 243 में से 202 सीटें जीतकर एक बार फिर सत्ता पर कब्ज़ा किया। वहीं महागठबंधन (RJD - Congress) सिर्फ 35 सीटों पर सिमट गया, जो पिछले कई चुनावों में विपक्ष का सबसे कमजोर प्रदर्शन माना जा रहा है।
इन चुनाव नतीजों ने बिहार की राजनीति में एक बार फिर से साफ कर दिया कि नरेंद्र मोदी, नीतीश कुमार की जोड़ी अभी भी राज्य की जनता में गहरा भरोसा रखती है। वहीं RJD के युवा नेता तेजस्वी यादव इस बार जनता को बड़े स्तर पर आकर्षित करने में असफल रहे।
एनडीए को क्यों मिली इतनी बड़ी जीत?
सर्वे और एग्जिट पोल विफल हुए, बीजेपी–जेडीयू गठबंधन ने अप्रत्याशित जीत दर्ज की। इस चुनाव से पहले अधिकतर सर्वे एनडीए को 150-160 सीटों के आसपास रख रहे थे। लेकिन जैसे-जैसे गिनती आगे बढ़ी, यह साफ हो गया कि जनता का मूड पूरी तरह डबल इंजन सरकार के पक्ष में था।
BJP ने जबरदस्त प्रदर्शन किया, लेकिन JDU ने भी अप्रत्याशित रूप से अपनी कई सीटें बचाकर और कुछ नई सीटें जोड़कर मजबूत वापसी की।
रिपोर्ट में यह बात साफ लिखी गई कि किसी भी सर्वे ने NDA की ऐसी सुनामी का अंदाज़ा नहीं लगाया था। अमित शाह ने भी पहले 160 सीटों का दावा किया था, लेकिन नतीजे इससे कहीं आगे निकल गए।
JDU और BJP में से सरकार कौन बनाएगा?
एनडीए को मिले भारी बहुमत के बाद सवाल ही नहीं बचता कि सरकार कौन बनाएगा। इस बार भी बिहार में एनडीए के नेतृत्व में सरकार बनने जा रही है। JDU और BJP के बीच पहले से तय फॉर्मूले के अनुसार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही बनेंगे।
उपमुख्यमंत्री पद BJP के पास रहेगा। बीजेपी इस बार सीटों की संख्या के हिसाब से गठबंधन में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। एनडीए में इस समय कोई खींचतान नहीं दिखाई दे रही, और यह भी माना जा रहा है कि सरकार स्थिर होगी।
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महागठबंधन का पतन क्यों हुआ?
महागठबंधन का गिरना किसी एक कारण से नहीं बल्कि कई कारण हो सकते हैं। रिपोर्ट्स में कुछ मुख्य कारण सामने आए:-
1. तेजस्वी यादव का संदेश जनता को प्रभावित नहीं कर पाया
RJD के वोट-बैंक में भी इस बार स्पष्ट गिरावट देखने को मिली। नौकरी, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया गया, लेकिन वह जनता तक किसी ठोस समाधान तक नहीं पहुंचा।
2. कई महत्वपूर्ण सीटों पर करीबी हार
रिपोर्ट के मुताबिक इस चुनाव में कई सीटों पर बेहद नजदीकी मुकाबले हुए:
- संदेह सीट पर सिर्फ 27 वोट
- अगिआंव पर 95 वोट का अंतर
महागठबंधन की कुछ सीटें बहुत कम मार्जिन पर निकल गईं।
3. महिलाओं की भारी भागीदारी
इस बार महिलाओं की वोटिंग प्रतिशत पुरुषों से अधिक रहा। NDA का महिला वोट-बैंक इस बार विपक्ष के मुकाबले काफी मजबूत साबित हुआ।
4. स्थानीय उम्मीदवारों की पकड़ कमजोर रही
महागठबंधन को कई जिलों में करारी हार मिली, 15 जिलों में वह एक भी सीट नहीं जीत सका।
जनता की प्रतिक्रिया: बिहार का मूड किस तरफ था?
इस बार बिहार चुनाव में जनता ने क्या अपनी प्रतिक्रिया दी और क्या वजह थी कि उन्होंने अपना वोट NDA को दिया :-
1. विकास और स्थिरता की चाह
बहुत बड़ी संख्या में मतदाताओं ने कहा कि वे “स्थिर सरकार” चाहते हैं। डबल-इंजन सरकार का संदेश लोगों के बीच मजबूत रहा।
2. नीतीश कुमार पर भरोसा जारी
हालांकि पिछले कुछ सालों में नीतीश कुमार पर कई बार सवाल उठे थे, लेकिन अंततः ग्रामीण क्षेत्रों और महिलाओं के बीच उनका भरोसा कायम दिखा।
3. RJD पर भरोसा कम हुआ
युवा मतदाताओं का झुकाव इस बार उतना नहीं दिखा जितना 2020 के चुनाव में दिखाई दिया था।
कुछ जगहों पर RJD की आपसी कलह और टिकट वितरण की गड़बड़ियों ने भी नुकसान पहुंचाया।
चुनाव 2025 ने क्या संदेश दिया?
2025 के बिहार चुनाव ने तीन स्पष्ट संदेश दिए :-
जनता ने स्थिर सरकार को प्राथमिकता दी है। NDA की जमीनी पकड़ और चुनावी मैनेजमेंट विपक्ष के मुकाबले कहीं अधिक मजबूत रहा। RJD और महागठबंधन को अब अपने राजनीतिक नैरेटिव और रणनीति दोनों पर पुनर्विचार करना होगा।
एनडीए की यह जीत 2010 की याद दिलाती है, जब एक ओर लहर, दूसरी ओर विपक्ष का कमजोर प्रदर्शन था। यह परिणाम आने वाले वर्षों तक बिहार की राजनीति की दिशा तय करेगा।
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