उत्तर में शीतलहर, दक्षिण में तूफान! आखिर कैसा रहेगा आज का मौसम?
Mausam update :उत्तर भारत में इस समय मौसम ने एक नया मिज़ाज अपना लिया है। पहाड़ों में चल रही बर्फबारी और मैदानी इलाकों में गिरता तापमान इस बात का संकेत हैं कि ठंड का दौर शुरू हो गया है। India Meteorological Department (IMD) के अनुसार हल्की से मध्यम बारिश-बर्फबारी के साथ उत्तरी राज्यों में तापमान में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की जाने लगी है।
पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी की वजह से वहाँ का न्यूनतम तापमान शून्य या उसके नीचे पहुंच गया है। उदाहरण के लिए रोहतांग दर्रा, बारालाचा जैसे स्थानों पर तापमान माइनस दर्ज हुआ है।
मैदानी इलाकों में भी तापमान में गिरावट नजर आ रही है। जैसे कि दिल्ली-एनसीआर में पिछले 24 घंटों में न्यूनतम तापमान औसत से करीब 2 से 3 डिग्री सेल्सियस कम हो गया है। साथ ही, ठंड के चलते कोहरा और शीतलहर जैसे मौसम-प्रभावों की संभावना बढ़ गई है।
क्यों दक्षिण भारत में भारी बारिश का अलर्ट है?
वहीं, देश के दक्षिण-पूर्वी हिस्सों में मिज़ाज पूरी तरह अलग है। तमिलनाडु, केरल, आंध्र-प्रदेश समेत दक्षिण भारत के कई राज्यों में अगले 24 से 48 घंटों में भारी से अति-भारी बारिश, तूफानी हवाएं और वज्रपात का अलर्ट (mausam update) जारी किया गया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह स्थिति एक पश्चिमी विक्षोभ और दक्षिण-पूर्वी मॉनसून प्रणाली के मिलन का कारण बन रही है, जिससे इन इलाकों में मौसम अचानक सक्रिय हो गया है। उदाहरण के लिए:
- तमिलनाडु के कुछ जिलों में अगले दिनों में भारी बारिश का अनुमान है।
- केरल में भी आंधी-तूफान की संभावना जताई गई है।
इसलिए दक्षिण में जहाँ बारिश से हालात कठिन हो सकती हैं, वहीं उत्तर में ठंड से लोगों को सावधानी बरतनी होगी।
कौन-कौन से राज्य प्रभावित होंगे?
उत्तर भारत:
- जम्मू–कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड के इलाकों में पहाड़ों में बर्फबारी और तेज हवाओं के कारण न्यूनतम तापमान माइनस तक चला गया है।
- दिल्ली एनसीआर, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान के इलाकों में मैदानी हिस्सों में रात और सुबह के समय ठंड और कोहरा बढ़ता हुआ नज़र आयेगा।
- बिहार में, दिन में मौसम सामान्य रहेगा, लेकिन रात और सुबह को ठंड-कोहरा बढ़ने की संभावना है।
दक्षिण भारत:
- तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक में 6 से 8 नवंबर तक भारी बारिश-हवाओं के साथ तूफानी हालात बन सकते हैं।
क्या वायु गुणवत्ता भी खराब हो रही है?
खासकर दिल्ली एनसीआर में वायु गुणवत्ता (AQI) ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज की जा रही है। उदाहरण के लिए, दिल्ली में 24 घंटे का औसत AQI 311 तक गया था।
प्रदूषण-स्तर बढ़ने की वजह से ठंडी हवाओं का कम चलना, कोहरा और वायुचालन का धीमा होना शामिल है। इसके चलते सांस-सम्बंधित परेशानियाँ बढ़ सकती हैं, विशेषकर बुजुर्गों, बच्चों व श्वसन रोगियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
क्या ठंड और बढ़ेगी या बारीशें?
- रिपोर्ट्स का अनुमान है कि अगले 24 से 36 घंटों में उत्तर भारत में तापमान में गिरावट जारी रहेगी। मैदानी इलाकों में न्यूनतम तापमान 10 सेल्सियस के करीब हो सकता है।
- दक्षिण भारत में बारिश-हवाओं का असर अगले दो-तीन दिन तक बढ़ा रह सकता है।
- सुबह और रात में उत्तर भारत-उत्तर प्रदेश-बिहार-दिल्ली आदि इलाको में कोहरा-घनत्व बढ़ने का खतरा बना है।
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क्या आपको क्या सावधानी रखनी चाहिए?
- सुबह-शाम के समय बाहर निकलते समय गर्म कपड़े, स्वेटर-जैकेट साथ रखें। उत्तर भारत में सर्द हवाओं से बचाव जरूरी है।
- श्वसन रोगी, बच्चे, बुजुर्ग बाहर जाते समय मास्क या गमछा रखें ताकि वायु गुणवत्ता खराब होने की स्थिति में बचाव हो सकें।
- दक्षिण भारत में बारिश-हवाओं के चलते बाहर निकलने-घूमने के प्लान पर असर पड़ सकता है पॉकेट छाता, रेनकोट आदि रखें।
- विशेषकर सुबह-सुबह ड्राइविंग करते समय कोहरे व कम दृश्यता वाले इलाकों में सावधानी बरतें।
- घर में अगर हीटर चला रहे हों, तो हवादारी सुनिश्चित करें विषाक्त गैस या धुएँ का खतरा हो सकता है।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
प्रश्न 1. उत्तर भारत में ठंड का असर कब तक बढ़ेगा?
उत्तर: मौसम विभाग के अनुसार, अगले 7 से 10 दिनों तक उत्तर भारत में ठंड लगातार बढ़ेगी और नवंबर के दूसरे हफ्ते से शीतलहर की शुरुआत हो सकती है।
प्रश्न 2. क्या इस बार ठंड सामान्य से ज्यादा पड़ेगी?
उत्तर: हाँ, विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार एल-नीनो प्रभाव के कारण सर्दी सामान्य से थोड़ी ज्यादा लंबी और ठंडी रह सकती है।
प्रश्न 3. क्या दिल्ली-एनसीआर में बारिश से वायु गुणवत्ता सुधरेगी?
उत्तर: हल्की बारिश और हवाओं के चलते AQI में थोड़ी सुधार की संभावना है, लेकिन प्रदूषण पूरी तरह खत्म नहीं होगा।
प्रश्न 4. क्या दक्षिण भारत में बाढ़ जैसी स्थिति बन सकती है?
उत्तर: कुछ तटीय क्षेत्रों—खासकर तमिलनाडु और केरल के हिस्सों में भारी बारिश से जलभराव या बाढ़ जैसी स्थिति बनने की संभावना है, इसलिए सतर्क रहना जरूरी है।
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