Coldrif Cough Syrup का काला सच: बच्चों की मौत, फैक्ट्री में गंदगी और जहरीली दवा का खुलासा!

मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले विशेष रूप से कुछ बच्चों की अचानक किडनी से संबंधी समस्या और मृत्यु होने की रिपोर्ट्स आने लगीं थी। प्रारंभ में ये बच्चे सर्दी-खाँसी आदि जैसे लक्षण दिखा रहे थे और डॉक्टरों द्वारा उन्हें कफ सिरप इलाज के तौर पर दिए गए थे।
अधिकारियों और मीडिया ने इस घटना में दवाओं की भूमिका की संभावना पर ध्यान देना शुरू किया।
उत्पादन यूनिट में गड़बड़ियों का पता लगना (unhygienic conditions)
- जांच में यह सामने आया कि कफ सिरप को बनाने वाली फैक्ट्री की स्थिति बहुत ही ख़राब थी क्योंकि वहां गंदगी, अनचाहे कीट-नाशक, टूटे-बिगड़े उपकरण, खुली नालियाँ आदि जैसी समस्या मौजूद थी।
- निरीक्षकों ने 39 “गंभीर” और 325 “बड़े” उल्लंघन पाए, जो औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम (Drugs & Cosmetics Act) की शर्तों का उल्लंघन करते थे।
- यह भी बताया गया है कि उपकरण में जंग लगे थे, एयर फिल्टर काम नहीं कर रहे थे, और स्वच्छता के मानक पर खामियाँ थीं।
रासायनिक विष का पता लगना
- राज्य और केंद्रीय प्रयोगशालाओं ने कफ सिरप के नमूनों (samples) की जाँच की।
- इस जाँच में डायएथाइलीन ग्लाइकोल (Diethylene Glycol, DEG) नामक एक विषैले industrial solvent की मात्रा (concentration) बहुत अधिक मिली जो कि परीक्षण रिपोर्टों के अनुसार लगभग 48.6 % थी।
- यह मात्रा अनुमेय मानदंड (permissible limit) से बहुत ज्यादा है। अनुमेय सीमा लगभग 0.1 % है।
- इस विष के कारण किडनी पर दबाब अधिक पड़ा और बच्चों में किडनी फेल्योर की स्थितियाँ सामने आईं।
ब्रांड, बैच और निर्माता
विवादित सिरप का नाम “Coldrif” है, जिसे Sresan Pharmaceuticals नामक कंपनी द्वारा तमिलनाडु (कांचीपुरम) में बनाया जा रहा था। विवादित बैच SR-13, निर्मित मई 2025, एक्सपायरी अप्रैल 2027 का बताया गया है। अन्य उत्पाद जो उसी यूनिट में बनाए जाते हैं, उन्हें भी जाँच के दायरे में लिया गया।
पहला प्रतिबंध और अलर्ट
तमिलनाडु की ड्रग कंट्रोल अथॉरिटी ने उत्पादन बंद करने का आदेश जारी किया और स्टॉक को फ़्रीज़ (freeze) किया। मध्य प्रदेश सरकार ने राज्यभर में इस सिरप की बिक्री और वितरण पर प्रतिबंध लगाया। अन्य राज्यों ने भी इस सिरप को बाज़ार से हटाने की कार्रवाई शुरू की।

अब तक के लिए गए अहम कदम
कानूनी कार्रवाई (Criminal / Policing)
- पुलिस ने इस मामले में मांस हत्या (manslaughter) प्रविष्टि दर्ज की।
- मृत बच्चों के इलाज करने वाले डॉक्टरों और दवा निर्माता को आरोपी माना गया है। एक डॉक्टर Dr. Praveen Soni को गिरफ्तार भी किया गया।
- कंपनी और उसके अधिकारियों पर ड्रग्स अधिनियम के अंतर्गत, मिलावट, लाइसेंस उल्लंघन आदि सहित कई मुकदमे दर्ज किए गए।
- सरकार ने सुझाव दिया है कि निर्माता का manufacturing licence को भी रद्द कर देना चाहिए।
राज्यस्तरीय प्रतिबंध और ज़ब्तियाँ
मध्य प्रदेश ने Coldrif सिरप की बिक्री और वितरण पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया। साथ ही संबंधित कंपनी के सभी उत्पादों पर रोक लगा दी।
तमिलनाडु ने उत्पादन बंद करने का आदेश जारी किया और कंपनी को बताने को कहा कि उसका लाइसेंस क्यों नहीं रद्द किया जाना चाहिए।
अन्य राज्यों में भी स्थानीय स्वास्थ्य विभाग और ड्रग नियंत्रण विभागों ने अलर्ट जारी कर दिया है, स्टॉक को ज़ब्त करना और मार्केट से हटाना शुरू कर दिया गया है।
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