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IPS Puran Kumar Case: Suicide या System की साजिश?

By Rajni Editor | October 09, 2025
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IPS officer Y Puran Kumar Case: हरियाणा के वरिष्ठ IPS अधिकारी वाई पोरन कुमार (2001 बैच) मंगलवार को चंडीगढ़ में स्थित अपने सरकारी आवास में मारे हुए मिले। शव पर गोली लगने का निशान पाया गया है। उनके पास से 9-पन्नों का “अंतिम नोट” और एक वसीयत भी मिली है। 

इस नोट में उन्होंने उच्च अधिकारियों, पुलिस व IAS/IPS अधिकारियों के नाम लिखे हैं और आरोप लगाया है कि उन्हें मानसिक उत्पीड़न, सार्वजनिक अपमान और जातिगत भेदभाव झेलना पड़ा था। 

उन्होंने विशेष रूप से यह दावा किया है कि कुछ वरिष्ठों ने उन्हें झूठे मामलों में फंसाने की साजिश भी रची, जिससे वे मानसिक उत्पीड़न का शिकार हो गए। 

एक दिन पहले ही, उनके गनमैन (सहायक पुलिसकर्मी) को रिश्वत मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। जांच में उसने कथित रूप से यह कहा कि वह कुल ₹2.5 लाख प्रति माह की रकम IPS अधिकारी के नाम पर मांग रहा था। 

इस गिरफ्तारी के बाद पोरन कुमार को रिहायशी पद से स्थानांतरित कर दिया गया था, जिसे कई लोग “पेनल्टी पोस्टिंग” के रूप में भी देखा जाता हैं। 

पत्नी की कार्रवाई और पोस्टमॉर्टम विवाद

उस समय उनकी पत्नी अमनीत पी. कुमार, जो एक वरिष्ठ IAS अधिकारी हैं, जापान दौरे पर थीं। उन्हें तुरंत भारत वापस बुलाया गया। 

उन्होंने चंडीगढ़ पहुंचकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और हरियाणा के DGP एवं Rohtak SP पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया। 

पत्नी ने यह भी कहा कि यदि नोट में लिखे नामों की जांच नहीं होगी तो वे किसी भी दबाव से पीछे नहीं हटेंगी। 

पोस्टमॉर्टम अभी तक नहीं हुआ है, परिवार कह रहा है कि मौके पर शव को छेड़छाड़ न हो, और “बेटी के लौटने पर ही” पोस्टमॉर्टम की अनुमति देंगे। 

पुलिस का कहना है कि पोस्टमॉर्टम बाद में ही होगा और दोनों पक्षों की सहमति से आगे की कार्रवाई की शुरुआत की  जाएगी।

मुख्य आरोप एवं विश्लेषण

विषयविवरण
मानसिक उत्पीड़न व सार्वजनिक अपमाननोट में लिखा गया कि उन्हें लगातार अपमानित किया गया, विशेषकर “उच्च अधिकारियों” द्वारा।
जातिगत भेदभाव का दावाउन्होंने नोट में कहा कि उन्हें SC (अनुसूचित जाति) होने के कारण विशेष रूप से दबाया गया।
रिश्वत और भ्रष्टाचार आरोपगनमैन की गिरफ्तारी के दौरान कहा गया कि रिश्वत मांगने में उनका नाम लिया गया।
स्थानांतरण, करियर बाधाउन्होंने लिखा कि पदोन्नति एवं महत्वपूर्ण जिम्मेदारियाँ उन्हें नहीं मिलीं, और लगातार ट्रांसफर किए गए।

आगे की संभावना और दबाव

  • मामले की न्यायिक जांच की मांग उठ रही है। कांग्रेस सांसदों ने कहा है कि IPS पुरन कुमार का सुसाइड नोट सार्वजनिक किया जाए और जांच अदालत की निगरानी में ही की जाए।
  • पुलिस ने अब CFSL और फोरेंसिक टीम को मामले की विस्तृत जांच में शामिल किया है।
  • सुसाइड नोट में दर्ज नामों की पुष्टि होने पर FIR दर्ज की जा सकती है और आरोपित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू होगी।

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