Unknown Facts About 1975 Emergency in Hindi – आपको वर्ष 1975 में पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी द्वारा देश में लगाई गई इमरजेंसी के बारें में पता ही होगा। लेकिन आज हम आपको इंदिरा गाँधी द्वारा लगाई गई उस इमरजेंसी से जुड़े कुछ ऐसे फैक्ट्स के बारें में बताएंगे। जिनके बारें में आपको श्याद ही अच्छे से पता होगा। यह इमरजेंसी (Unknown Facts About 1975 Emergency) देश में 21 महीने तक लगाई गई थी। इतना ही नहीं इमरजेंसी को शीघ्र अति शीघ्र लागू करने हेतु 26 जून 1975 की रात को ही देश के राष्ट्रपति फारुखद्दीन अली अहमद द्वारा हस्ताक्षर करवाए गए थे।
Unknown Facts About 1975 Emergency
यह ऐसा पहली बार हुआ था की जब भारत में आपातकाल (Unknown Facts About 1975 Emergency) लगाया जा रहा था। देश पर इस आपातकाल को लगाने के बाद अगली ही सुबह देश की प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी द्वारा रेडियों पर देश के प्रति के संदेश जारी किया गया था जिसमें उन्होंने यह कहा था की भाइयों और बहनों राष्ट्रपति जी द्वारा देश में आपातकाल की घोषणा कर दी गई है। इस आपातकाल (Unknown Facts About 1975 Emergency) के देश के किस भी व्यक्ति को परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है।
#Fact – 1 (सभी नेताओं को किया गया गिरफ्तार)
वर्ष 1975 में देश में लगाई गई इमरजेंसी (Unknown Facts About 1975 Emergency) के बाद सभी नागरिकों के मौलिक अधिकारों को खत्म कर दिया गया था। मौलिक अधिकार को तो छोड़ों लोगों को चैन की साँस लेने में भी काफी परेशानी हो रही थी। लेकिन इससे बड़ी घटना तो 25 जून 1975 की रात को घटी थी। उस दौरान विपक्षी पारी के सभी नेताओं को गिरफ्तार किया जा रहा था। गिरफ्तार हुए नेताओं की सूची में जयप्रकाश नारायण, लालकृष्ण आडवाणी, अटल बिहारी वाजपेयी, जॉर्ज फर्नाडीस जैसे प्रसिद्ध नेताओं के नाम शामिल थे। आप जानकार हैरान हो जाएंगे की इतनी अधिक गिरफ्तारियां की गई थी की जेल में किसी रखने की जगह तक नहीं बच पाई थी। गिरफ्तारी के साथ ही साथ उस समय पुलिस और प्रशासन द्वारा उत्पीड़न की बातें भी सामने आ रही थी। इस आपातकाल (Unknown Facts About 1975 Emergency) में ऐसा हुआ था की यदि कोई सरकार के खिलाफ किसी भी प्रकार की विरोधी खबर छापता था तो उसे तुरंत ही गिरफ्तार कर लिया जाता था।
#Fact – 2 (प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी का न्यायपालिका से टकराव)
क्या आपको पता है की लालबहादुर शास्त्री की मृत्यु के बाद श्रीमती इंदिरा गाँधी भारत की प्रधानमंत्री बनी थी। लेकिन इस बारें में बहुत लोगों को पता है की कई कारणों के चलते प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी का न्यायपालिका से टकराव शुरू हो गया था। लोगों द्वारा ही इस स्थिति को टकराव आपातकाल (Unknown Facts About 1975 Emergency) की पृष्ठभूमि के रूप में देखा गया था। इतना ही नहीं आपातकाल के लिए वर्ष 1967 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक ऐसा फैसला लिया गया जिससे एक अलग ही पृष्ठभूमि शुरू होने वाली थी। वर्ष 1967 में देश के सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस सुब्बाराव के नेतृत्व वाली एक खंडपीठ द्वारा इस बात का फैसला लिया गया था की किस भी संविधान संशोधन के को ध्यान में रखते हुए न तो मूलभूत अधिकारों को खत्म किया जा सकता है न ही इन अधिकारों को किसी भी प्रकार के सीमित किया जा सकता है।
#Fact – 3 (इमरजेंसी के समय इंदिरा गाँधी के घर में मौजूद था अमेरिकी जासूस)
जिस समय पुरे भारत में प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी द्वारा इमरजेंसी (Unknown Facts About 1975 Emergency) लगाई गई थी उस दौरान इंदिरा गाँधी के घर में एक अमेरिकी जासूस भी मौजूद था। यह अमरीकी जासूस इंदिरा गाँधी की हर प्रकार की राजनैतिक खबर को अमेरिका तक पहुँचा था। इस खबर का खुलासा विकिलीक्स द्वारा किया गया था। इतना ही नहीं वह अमरीकी जासूस इंदिरा गाँधी की हर प्रकार के राजनैतिक फैसले पर अपनी नजर बनाए हुए था।
#Fact – 4 (आपातकाल और प्रधानमंत्री मोदी)
बहुत कम ही लोग होंगे जिनको इस बारें में पता होगा की वर्ष 1975 देश में लगाई गई इमरजेंसी के दौरान वर्तमान समय के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की बेहद अहम भूमिका रही थी। देश में आपातकाल (Unknown Facts About 1975 Emergency) लागू होने के बाद प्रेस के आजादी के सम्पूर्ण रूप से खत्म कर दिया गया था। इतना ही नहीं कई पत्रकारों की तो गिरफ्तारी भी की गई थी। ऐसा कहा जा रहा था की सरकार नहीं चाहती थी की देश के लोगों तक सही जानकारी पहुँच सके। लेकिन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और आरएसएस के प्रचारकों ने मिलकर लोगों तक सभी प्रकार की सही सूचना पहुँचाने की जिम्मेदारी उठाई थी।
#Fact – 5 (पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री द्वारा दी गई थी आपातकाल की सलाह)
इंदिरा गाँधी के करीबी बताया जाने वाले आरके धवन द्वारा बताया गया था की इंदिरा गाँधी को देश में आपातकाल लगाने की राय पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री श्री एसएस राय द्वारा दी गई थी। क्या आपको पता है की यह आपातकाल पूरी तयारी के साथ लगाया गया था। आरके धवन ने यह भी कहा था की राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद को भी आपातकाल (Unknown Facts About 1975 Emergency) लागू करने हेतु उद्घोषणा पर हस्ताक्षर करने में किसी भी प्रकार की कोई परेशानी नहीं थी। आरके धवन ने यह भी बताया की आपातकाल (Unknown Facts About 1975 Emergency) लगाने से पहले देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को बुलाया गया था तथा उनसे सदस्यों और विपक्ष के नेताओं की सूची को तैयार करने के आदेश दे दिए गए थे।