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क्यों है CAA जरुरी?, कैसे विरोधी कर रहें हैं आम जनता को गुमराह!

By Nidhi | February 27, 2020
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नागरिकता बिल की आग पूरे भारत को अपनी चपेट में ले रही है। जगह जगह हिंसा, दंगे , सड़क जाम , पत्थरबाजी, आगजनी रोज़ की ही घटना हो गयी है। कुछ ख़ास लोगों की वजह से भारत पीछे ही पीछे जाता दिख रहा है।

कुछ लोग अपने निजी फ़ायद के लिए रोज झूठ पर झूठ बना के आम लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहें हैं।

भारत एक बहुत विशाल देश है इसमें अलग अलग तरीके के लोग रहते हैं, प्रेम और सद्भाव के लिए भारत को जाना जाता है, 'अतिथि देवो  भवः हमारी' पहचान रही है। पर नागरिकता कानून, एनसीआर और एनपीआर को लेकर दंगों से मन बहुत दुखी होता है। हमें जरुरत है इस बिल को अच्छे से समझने की ताकि हमें पता लगे सच्चाई क्या है।

क्या है नागरिकता क़ानून?

सिटीजनशिप अमेंडमेंट बिल (सीएए) या नागरिकता क़ानून है। इसमें नागरिकता के कुछ ख़ास प्रावधान हैं, दरअसल पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान और बांग्लादेश में अल्पसंखयकों की हालत किसी से छुपी नहीं है। ये सभी देश मुस्लिम आबादी वाले हैं और यहाँ हिन्दू, ईसाई, जैन, सिख अल्पसंख्यकों की हालत बहुत ख़राब है। रोज ही हमें इन देशों से अल्पसंखयकों की उत्पीड़न की खबरें मिलती रहती हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें आज़ादी के वक़्त पाकिस्तान में 12.9 % हिन्दू थे जो आज घटकर केवल 1.4 % ही रह गए हैं। यही हाल सिख और अन्य अल्पसंखयकों का भी है। पाकिस्तान में धर्मांतरण का मुद्दा भी किसी से छुपा नहीं हैं, हाल ही में एक छोटी बच्ची का अपहरण करके उसका धर्म परिवर्तन कर दिया गया था। इसके लिए पाकिस्तान में बहुत बवाल हुआ था।

ये बिल ऐसे ही पीड़ित लोगों के लिए है, अगर कोई हिन्दू,सिख,ईसाई  व्यक्ति 2014 को या उस से पहले भारत आ गया है तो उसे आसानी से भारतीय नागरिकता मिल जायेगी ताकि वो यहाँ रह के आसानी से अपना जीवन गुजार सके।

पर कुछ लोगों को इस से ये आपत्ति है की इसमें मुसलमानों को शामिल नहीं किया गया। अब मुसलमान तो पहले से इन देशों में बहुसंख्यक हैं वो भारत आके क्या करेंगे?, इस बात पर ये विरोधी लोग चुप्पी साध लेते हैं। अगर किसी मुसलमान को शरणार्थी बनना है तो वो अन्य किसी मुस्लिम देश जा सकता है पर किसी जैन,हिन्दू,सिख को शरण लेनी हो तो उसके पास भारत ही एक विकल्प बचता है।

अब ये विरोधी  लोग चाहते हैं की भारत के गेट उन सभी लोगों के लिए खोल दिए जाएँ जो यहाँ आना चाहते हैं, अगर ऐसा हुआ तो आधे से ज्यादा पाकिस्तान भारत ही आ जाएगा।

कुछ लोग कह रहें हैं इस बिल को केवल हिन्दुओं के लिए ही बनाया गया है, ये भी शुरुआत से गलत है। इस बिल में हिन्दू, सिख, जैन, बुद्ध धर्म के लोग हैं। विरोधियों को सामने आके ये बोलना चाहिए इसमें मुस्लिम धर्म को शामिल नहीं किया गया है, ये उन लोगों की  चाल है जो दुबारा से देश में लोगों को लडवाना चाहते हैं।

क्या है एनआरसी?

एनआरसी  का पूरा नाम है नेशनल रजिस्टर ऑफ़ सिटीजन, सीधी भाषा में कहें तो ये एक देश के सभी नागरिकों का रजिस्टर है। इसमें सभी भारत में रह रहे लोगों को अपनी पहचान दिखा के ये साबित करना होगा की वो भारत के ही नागरिक हैं। जो लोग वैध रूप से भारत में हैं वो कोई भी सरकारी कागज़ दिखा के ये साबित कर सकतें हैं की वो यहाँ के नागरिक हैं। इसमें दिक्कत उन लोगों के लिए जो घुसपैठ करके हमारी धरती में आ गए हैं।  भारत में कई ऐसे लोग हैं जो अवैध तरीके से रह रहें हैं, कुछ पार्टियां इनके फ़र्ज़ी आधार कार्ड वो पहचान पत्र बना के इनको अपना वोट बैंक बनाती हैं। इस कदम के बाद इन घुसपैठियों को अपने देश वापस जाना पड़ेगा। इसमें उन मुसलमानो को डरने की जरुरत नहीं है जो वैध रूप से भारत के नागरिक हैं। इसमें धर्म के आधार पर कोई गिनती नहीं होगी। ये सिर्फ उन लोगों को बहार करने के लिए है जो अवैध तरीके से भारत में रह रहें हैं।

अभी ये तय नहीं है की पूरे भारत में एनआरसी आएगा या नहीं। एनआरसी अभी केवल असम में ही आया है। तो जो लोग घुसपैठियों के दम पर अपनी सियासी रोटी सेकतें हैं उन के लिए ये खतरे की घंटी है इसलिए वो गला फाड़ फाड़ के इसका विरोध कर रे हैं।

एनपीआर क्या है?

NPR मतलब है National Population Register , एक तरह का डाटाबेस होता है जिसमे एक देश अपने वह रहने वाले सभी लोगों का रिकॉर्ड रखता है। ये सिर्फ एक रिकॉर्ड होता है इसका इस्तेमाल एक देश अपने लोगों के लिए नयी निति बनाने के लिए करता है। अगर आप किसी इलाके में पिछले 6 महीने से रह रहें हैं और अगले 6 महीने तक वही रहेंगे तो आपको अपनी कुछ जानकारी सरकार के साझा करनी पड़ेंगी। इसमें वैध अवैध नागरिक का कोई मतलब नहीं है। ये केवल एक रिकॉर्ड है।

जो जानकारी आपसे मांगी जायेगी वो है।

-व्यक्ति का नाम

-घर के मुखिया से सम्बन्ध

-पिता का नाम

-माता का नाम

-पति या पत्नी का नाम

-लिंग

-जन्मतिथि

 -वैवाहिक स्थिति

-जन्म की जगह

-राष्ट्रीयता

-अभी जहाँ रह रहें हैं उसका पता

-इस पते पर कब तक रहेंगे

-स्थाई पता

-व्यवसाय

-शैक्षिक योग्यता

ये जानकारी census india  की वेबसाइट से ली गयी है और इसमें कहीं भी किसी को बाहर करने की बात नहीं है। ये केवल विरोधियों की चाल है।

तो CAA NRC  NPR को ढंग से देखने के बाद पता चलता है की ये राष्ट्र विरोधी नहीं बल्कि राष्ट्र को जोड़ने वाला कानून है। इस से उन लोगों की दूकान पर ताला लग जाएगा जो धर्म के नाम पर लोगों से वोट मांगकर सत्ता का गलत उपयोग करते हैं। जो लोग वैध रूप से भारत के लोग हैं उन्हें इस से डरने की कोई जरुरत नहीं है। लोग इसका विरोध करने के लिए सड़क जाम कर रहें हैं जबकि सुप्रीम कोर्ट ने भी इस चीज को गलत बताया है। विरोध करना सही है पर आप सार्वजनिक जगहों पे लोगों के लिए बाधा का कारण नहीं बन सकते।

ये कैसा विरोध हुआ जिसमे लोगो की जिंदगी ही ठप्प हो जाए?, कुछ लोग अब इस बिल को वापस करवाने के लिए कानून को भी हाथ में लेने से नहीं डर रहें हैं। सभी विरोधियों ने अपनी धर्म की ठेकेदारी बचाने के लिए हर तरह के हथकंडे अपना लिए हैं।

दिल्ली में हुई हिंसा को देख के दिल आहत होता है कैसे कुछ लोग बाहरी लोगों को बचाने के लिए अपने ही लोगों का खून बहा रहें हैं। इतना बड़ा हमला पहले से सुनियोजित लगता है, विरोधी अपनी गद्दी बचाने के लिए अपनों के ही घर जला रहें हैं।

आशा करते हैं जल्द ही शान्ति बहाल होगी और देश के दुश्मन बाहर चले जाएंगे।

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