इस ग्रह पर चलती हैं सबसे तेज़ हवा
हमारे सोलर सिस्टम में एक ग्रह है शुक्र यानी की वीनस इसे मॉर्निंग स्टार भी कहा जाता है। माना जाता है की कई बिलियन साल पहले शुक्र ग्रह का वातावरण पृथ्वी के जैसा ही होगा इसलिए इसे पृथ्वी की बहन भी कहा जाता है। शुक्र यानी की वीनस एक अकेला ऐसा ग्रह है जिसका नाम किसी स्त्री के ऊपर रखा गया है। वीनस का नाम रोम की खूबसूरती की रानी पर रखा गया है क्योंकि वीनस एक बहुत चमकीला ग्रह है। आपको ये जानकर भी हैरानी होगी की शुक्र ग्रह का एक दिन पृथ्वी में 1 साल के बराबर होगा। अमेरिका और रूस ने इस ग्रह में मानव जीवन की खोज करी थी, पर इस ग्रह में बहुत सारे घने बादल है तो इसमें मानव जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। आपको बता दें शुक्र ग्रह में बहुत तेज़ हवाएं चलती है ये अपने धुरी में चलने की चाल से भी 50 * तेज़ होती हैं, शुक्र गृह की सतह सबसे गरम है। facts about space
ऐसा ग्रह जहाँ हीरों की बरसात होती है
ये ग्रह पृथ्वी से 40 लाइट ईयर दूर है । यह पृथ्वी के व्यास से दोगुना बड़ा है इसकी सतह का तापमान करीब 4900 डिग्री है और ये बहुत ही गरम ग्रह है। इस ग्रह की खोज 2014 में हुई थी और माना जाता है इसका घनत्व बहुत ही ज्यादा है। इसको सबसे पहले 2012 में टेलिस्कोप से देखा गया था। ऐसा माना ज्यादा है इस ग्रह में हीरों की बारिश होती है और यहाँ काफी ज्यादा मात्रा में ग्रेनाइट उपलब्ध है। पर अफ़सोस की ये ग्रह इतना गरम है यहाँ मनुष्य जीवन संभव नहीं है। amazing facts about universe
यहाँ दिखता है हरा आसमान
धरती में आर्कटिक और अंटार्टिक के पास आसमान हरे रंग का दिखाई देता है। इन्हें ‘aurora lights’ कहा जाता है, ये देखने में काफी रहस्मय दिखती हैं। इन्हें हिंदी में ‘ध्रुवीय ज्योति’ कहा जाता है। ध्रुवीय ज्योति का निर्माण तब होता है जब चुम्बकीय गोला सौर पवनों द्वारा पर्याप्त रूप से प्रभावित होता है तथा इलेक्ट्राॅन व प्रोटॉन के आवेशित कणों के प्रक्षेप पथ को सौर पवनों तथा चुम्बकगोलीय प्लाज्मा उन्हें अप्रत्याशित वेग से वायुमंडल के ऊपरी सतह (तापमण्डल/बाह्यमण्डल) में भेज देते हैं। पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र में प्रवेश के कारण इनकी ऊर्जा क्षय हो जाती है। ये देखने में इतनी अच्छी और रहस्मय लगती है की लोग दूर दूर से इसे देखने आते हैं। पुराने रोम के लोगों को इस प्रकाश का पता था उन्होंने अपनी किताबों में इसका बहुत बड़ा वर्णन किया है। shocking facts of universe
नहीं मिटेंगे जूतों के निशान
मनुष्य आज से 51 साल पहले चाँद पर गया था, नील आर्मस्ट्रांग पहले व्यक्ति थे जिन्होंने चाँद पर क़दम रखा था पर क्या आपको पता है उस क़दम का निशान अभी भी वैसा ही है और आने वाले हज़ारों सालों तक वैसा ही रहेगा क्योंकि चाँद में कोई वातावरण नहीं है , वहां हवा भी नहीं चलती और न धूल उड़ती है इसलिए चाँद पर ये निशान हज़ारों हज़ारों सालों तक ऐसे ही बने रहेंगे।
अंतरिक्ष में चिपक जाएंगी दो वस्तुएं
क्या आपको पता है अंतरिक्ष में अगर आप एक जैसी दो वस्तुएं को एक साथ रखेंगे तो वो आपस में चिपक जाएंगी इस प्रक्रिया को इंग्लिश में cold welding कहते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि किन्हीं दो वस्तु के एटम भूल जातें हैं की वो अलग अलग एटम हैं और वैक्यूम की मौजूदगी में वो खुद पर खुद चिपक जाते हैं इसमें किसी गोंद या टेप की जरुरत नहीं पड़ती। परन्तु आप ऐसा धरती पर आकर करेंगे तो नहीं होगा। पहले के स्पेसक्राफ्ट में इस प्रक्रिया की वजह से बहुत दिक्कत आती थी अब के वैज्ञानिक इसे समझ चुकें हैं और इसी के हिसाब से स्पेसक्राफ्ट बनाते हैं।
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