राष्ट्रीय विचारधारा की जीत: सी.पी. राधाकृष्णन भारत के 15वें उपराष्ट्रपति निर्वाचित

भारत की राजनीति में एक नया अध्याय जुड़ गया है। अनुभवी नेता और तमिलनाडु से आने वाले सी.पी. राधाकृष्णन (CP Radhakrishnan Vice President) देश के 15वें उपराष्ट्रपति चुने गए हैं। NDA उम्मीदवार के रूप में उन्होंने विपक्ष के बी. सुदर्शन रेड्डी को हराकर यह बड़ी जीत अपने नाम दर्ज की है। राष्ट्रपति भवन में आयोजित भव्य समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। राधाकृष्णन ने इस जीत को “राष्ट्रीय विचारधारा की जीत” बताते हुए देश के विकास और संसदीय परंपराओं को सशक्त करने का संकल्प लिया है।
निर्वाचन परिणाम एवं मतगणना
9 सितंबर, 2025 को उपराष्ट्रपति चुनाव हुआ, जिसमें कुल 781 निर्वाचक वोट देने के पात्र थे। इनमें से 767 निर्वाचकों ने मतदान किया। 15 मतपत्र अवैध घोषित किए गए। सी.पी. राधाकृष्णन (NDA उम्मीदवार) ने कुल 452 मान्य मत हासिल किए, जबकि विपक्षी उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट मिले। मतओं का अंतर था 152 वोट रहा।
मान्य वोटिंग प्रतिशत एवं मतदान की भागीदारी
मतदान प्रतिशत बहुत ऊँचा रहा था, लगभग 98% निर्वाचकों ने हिस्सा लिया। संतुष्टि दिखाई गई कि चुनाव प्रक्रिया शांतिपूर्ण और सुचारू तरीके से सम्पन्न हुई।
राजनीतिक पृष्ठभूमि और विशेषताएँ
सी.पी. राधाकृष्णन (CP Radhakrishnan Vice President) तमिलनाडु से हैं। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में कई महत्वपूर्ण पद संभाले हैं। लोकसभा सदस्य (कोइम्बटोर से), विभिन्न राज्यपाल की जिम्मेदारियाँ, BJP के तमिलनाडु अध्यक्ष आदि। उनके बारे में कहा जा रहा है कि वे RSS से जुड़े रहे हैं, और उनकी छवि अपेक्षाकृत संयमी और संघर्षों में कम संलग्न रहने वाले नेता की है।

आचार्य और अन्य प्रश्न
चुनाव आयोग ने आधिकारिक रूप से राधाकृष्णन (CP Radhakrishnan Vice President) के चुनाव की प्रमाण-पत्रीकरण की पुष्टि की है। उनके शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन 12 सितंबर, 2025 की सुबह को राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली में किया जा रहा है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उन्हें उपराष्ट्रपति के पद की शपथ दिलाएँगी।
महत्त्व और संभावित चुनौतियाँ
यह चुनाव राष्ट्रीय विचारधारा और राजनीतिक पहचान के नजरिए से देखा जा रहा है। राधाकृष्णन ने अपनी जीत को “राष्ट्रीय विचारधारा की जीत” कहा है। विपक्ष ने भी संकेत दिया है कि वे इस चुनाव को एक विचारधारात्मक संघर्ष के रूप में देखते हैं और आगे भी ऐसे मुद्दों को उठाते रहेंगे। इससे राज्यसभा की कार्यवाही और संसदीय राजनीति में नए गतिरोध और संवाद की संभावनाएँ बढ़ सकती हैं। उपराष्ट्रपति पद सांसदों का नेतृत्व करता है, इस कारण उनकी राजनीतिक संतुलन व भूमिका महत्वपूर्ण होगी।
इतिहास और तमिलनाडु के लिए गौरव
राधाकृष्णन (CP Radhakrishnan Vice President) तमिलनाडु के तीसरे नेता बने हैं जिन्होंने इस उच्च पद को संभाला है। उनके निर्वाचित होने से राज्य की राजनीतिक प्रतिष्ठा और प्रतिनिधित्व को बल मिला है।
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