GST में नया दौर: 22 सितंबर से क्या-क्या बदला?

GST Rate Cut India 2025: नवरात्रि, 22 सितंबर 2025 से देश में लागू हो रही है GST 2.0 योजना. इस योजना के तहत कई आम चीजों की कीमतों में कमी आयेगी, जबकि कुछ चीजें महंगी भी हो रही हैं। सरकारी सुधारों का उद्देश्य मध्यम वर्ग, गरीब, किसानों और उपभोक्ताओं को राहत देने का है। जानते हैं कि इस त्यौहार पर सरकार जनता को क्या तोहफा दे रह है।
GST स्लैब व्यवस्था
- अब कुल दो ही स्लैब मौजूद हैं: 5% और 18% GST।
- पिछले 12% स्लैब को खत्म कर दिया गया है, जिससे वह सामान जो पहले 12% GST पर थे, अब या तो 5% स्लैब में आ गए हैं, या अगर उत्पादन और आयु वर्ग के अनुसार आवश्यक हो, तो वह 18% GST (India News in Hindi) में आ गए हैं।
सस्ते हुए सामान की सूचि
नीचे उन आइटम की लिस्ट दी जा रही हैं जिनकी कीमतों में GST दर कम होने से राहत मिल रही है:-
श्रेणी | उदाहरण व पुरानी दर/ नई दर |
खाद्य व डेयरी उत्पाद | पनीर, घास-आधारित दूध (सोया, बादाम, ऑट्स), यूएचटी दूध, बटर, चीज़ आदि! पहले 12%, अब 5% |
मिठाई, चॉकलेट, नमकीन, बिस्कुट, पास्ता, कॉर्न फ्लेक्स आदि | 12% ➝ 5% |
सरसों तेल, घी, जैम, स्नैक्स | ऊपर घटकर, उदाहरण स्वरूप: ₹370 के सरसों तेल पर ~₹26 बचत, ₹650 के शुद्ध घी में ~₹45 की बचत, आदि |
ऑटोमोबाइल्स / टू-वीलर्स (छोटी गाड़ियों पर) | छोटी कारें और ≤350cc की बाइक/स्कूटर की कीमतें घटीं (28% ➝ 18% आदि) |
कृषि उपकरण, ट्रैक्टर व खेती के मैकेनिकल टूल्स | ट्रैक्टर, हार्वेस्टर, थ्रेशर आदि पर अच्छी-खासी बचत |

महंगे हुए सामान की सूचि
India News in Hindi : कुछ लक्ज़री आइटम, सिगरेट-तंबाकू जैसी “sin goods”, और बड़ी गाड़ियों पर अब ज़्यादा टैक्स लगा करेगा। उदाहरण:-
- 40% की दर अब उन गाड़ियों पर लागू होगी जिनका इंजन 1500cc से ऊपर है या लंबाई 4000mm+ हो।
- sin goods जैसे सिगरेट, तंबाकू आदि पर टैक्स बढ़ाया गया है।
किसे कितना फ़ायदा होगा?
- घरेलू उपभोक्ता - रोजमर्रा का खाना, दूध, डेयरी प्रोडक्ट्स, स्नैक्स, मिठाइयाँ आदि सस्ते होंगे।
- मध्यम वर्ग - उन सामानों पर राहत मिलेगी जिनका इस्तेमाल दैनिक जीवन में होता है।
- किसान - कृषि उपकरणों पर टैक्स कम होने से खरीद-बिक्री में आसानी होगी।
- वाहन उद्योग - छोटी कारों, छोटे मोटरसाइकिल/स्कूटर आदि की बुकिंग बढ़ी है क्योंकि कीमतें घट गई है।
कुछ बातें ध्यान देने योग्य
- सभी आइटमों पर (Latest News in Hindi) एक-समान बदलाव नहीं हुआ है; कुछ चीजों पर अभी भी उच्च टैक्स स्लैब लगेंगे।
- कीमतों में कमी की दर ब्रांड, क्षेत्र, विक्रेता आदि पर अलग-अलग हो सकती है।
- पुराने इन्वेंटरी और बिक्री लेन-देन में बदलाव समय लगेगा; हर दुकानदार तुरंत नई दर लागू नहीं कर पाएगा।
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