UNGA में इस बार नहीं गूंजेगी मोदी की आवाज, विदेश मंत्री जयशंकर करेंगे भारत का प्रतिनिधित्व!

संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 80वें उच्च-स्तरीय सत्र में इस बार बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उच्च-स्तरीय जनरल डिबेट में हिस्सा नहीं लेंगे। उनकी जगह विदेश मंत्री एस. जयशंकर भारत की ओर से मंच संभालेंगे और देश का प्रतिनिधित्व करेंगे।
संशोधित वक्ताओं की सूची में यह स्पष्ट किया गया है कि भारत की ओर से अब पीएम मोदी नहीं, बल्कि जयशंकर भाषण देंगे। यह बदलाव अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन गया है।
क्यों नहीं जा रहे पीएम मोदी?
अभी तक इस पर सरकार की ओर से कोई आधिकारिक कारण नहीं बताया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा को लेकर असमंजस बरकरार था, और आखिरकार यह तय किया गया कि वे इस बार UNGA में शामिल नहीं होंगे। यह फैसला भारत की रणनीतिक प्राथमिकताओं और आंतरिक कार्यक्रमों के चलते लिया गया हो सकता है।

जयशंकर की क्या होगी भूमिका?
विदेश मंत्री जयशंकर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की आवाज़ बुलंद करने के लिए जाने जाते हैं। एस. जयशंकर, जो पहले संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि रह चुके हैं और अब विदेश मंत्री हैं, अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सशक्त आवाज बन चुके हैं। उन्होंने बीते वर्षों में G20, ब्रिक्स और क्वाड जैसे मंचों पर भारत का प्रभावी नेतृत्व किया है। यह कदम उनकी कूटनीतिक पकड़ और बढ़ते रोल को और मजबूत करता है।
अब सबकी नज़र किस पर?
- जयशंकर का भाषण: क्या वे व्यापार तनाव और वैश्विक संकटों (यूक्रेन युद्ध, पश्चिम एशिया संघर्ष) पर सीधे बोलेंगे?
- मोदी की समानांतर गतिविधियाँ: क्या वे UNGA से जुड़े अन्य कार्यक्रमों या शिखर बैठकों में शामिल होंगे?
- वैश्विक प्रतिक्रिया: क्या इसे भारत की रणनीतिक चतुराई कहा जाएगा या नेतृत्व की अनुपस्थिति?
प्रधानमंत्री मोदी का UNGA से अनुपस्थित रहना भले ही एक बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम है, लेकिन विदेश मंत्री जयशंकर की उपस्थिति यह सुनिश्चित करती है कि भारत की आवाज मंच पर बुलंद और सटीक तरीके से रखी जाएगी। अब देखना यह है कि वे विश्व समुदाय के सामने भारत की किन प्राथमिकताओं और मुद्दों को प्रमुखता देते हैं।
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